CEREBO: मस्तिष्क की चोटों की शीघ्र पहचान के लिए भारत का अभिनव उपकरण

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और एम्स भोपाल, NIMHANS बेंगलुरु व Bioscan Research के सहयोग से विकसित ‘CEREBO’ एक नवीन, पोर्टेबल और गैर-आक्रामक मस्तिष्क चोट जांच उपकरण है। यह उपकरण ट्रॉमैटिक ब्रेन इंजरी (TBI) की पहचान के लिए बनाया गया है और एक मिनट के भीतर मस्तिष्क में आंतरिक रक्तस्राव या सूजन (एडेमा) का पता लगाने में सक्षम है।
क्यों महत्वपूर्ण है CEREBO?
TBI जैसी आपातकालीन स्थितियों में जब MRI या CT स्कैन जैसी तकनीकें तुरंत उपलब्ध नहीं होतीं, वहां CEREBO एक आसान, लागत-कुशल और त्वरित विकल्प प्रदान करता है। यह उपकरण कलर-कोडेड, विकिरण-मुक्त परिणाम देता है और इसे एंबुलेंस, ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों, आपदा राहत इकाइयों और ट्रॉमा सेंटर्स में उपयोग हेतु डिज़ाइन किया गया है।
इसके कुछ मुख्य लाभ हैं:
- नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित
- अनुप्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा भी संचालित किया जा सकता है
- आसान पोर्टेबिलिटी और त्वरित निर्णय सहायता
- सीटी स्कैन की प्रतीक्षा कम करने में सहायक
TBI: एक बढ़ती हुई सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती
ट्रॉमैटिक ब्रेन इंजरी (TBI) सिर में अचानक चोट लगने से उत्पन्न स्थिति है, जिससे मस्तिष्क की सामान्य कार्यप्रणाली बाधित होती है। यह चोट हल्की (जैसे कि concussion) से लेकर गंभीर तक हो सकती है, और इसके कारण व्यक्ति को दीर्घकालिक शारीरिक, संज्ञानात्मक और भावनात्मक समस्याएं हो सकती हैं।
भारत में TBI से जुड़ी कुछ प्रमुख जानकारियां:
- हर साल लगभग 1.5 से 2 करोड़ लोग TBI से प्रभावित होते हैं
- इनमें से लगभग 10 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है
- सड़क दुर्घटनाएं TBI का सबसे बड़ा कारण हैं (60%), इसके बाद गिरना (20-25%) और हिंसा (10%)
प्रारंभिक लक्षणों के न दिखाई देने या हल्के होने की स्थिति में कई बार TBI का निदान नहीं हो पाता, जिससे आगे चलकर गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- CEREBO उपकरण उन्नत नियर-इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक और मशीन लर्निंग पर आधारित है।
- ICMR-MDMS द्वारा CEREBO का नैदानिक सत्यापन, नियामक स्वीकृति और बहु-केंद्र उपयोगिता परीक्षण किया गया है।
- ग्लासगो कोमा स्केल (GCS) जैसे पारंपरिक परीक्षण मानवीय त्रुटियों और व्यक्तिपरक व्याख्याओं के लिए संवेदनशील होते हैं।
- स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलनों ने CEREBO को तृतीयक स्वास्थ्य केंद्रों में अपनाने की सिफारिश की है ताकि इमेजिंग लागत कम की जा सके और त्वरित ट्रायाज सुनिश्चित हो सके।
CEREBO जैसे उपकरणों का विकास भारतीय स्वास्थ्य तंत्र को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है, विशेष रूप से ग्रामीण और आपातकालीन सेटिंग्स में जहाँ उन्नत तकनीकों तक पहुंच सीमित होती है। यह नवाचार न केवल समय पर उपचार सुनिश्चित कर सकता है, बल्कि हजारों जानें भी बचा सकता है।