Banking on Climate Chaos रिपोर्ट जारी की गई

Banking on Climate Chaos रिपोर्ट जारी की गई

12 अप्रैल, 2023 को पर्यावरण संगठनों ने “Banking on Climate Chaos” रिपोर्ट जारी की, जिसमें पेरिस समझौते (Paris Agreement) के बाद से जीवाश्म ईंधन परियोजना वित्तपोषण पर दुनिया के सबसे बड़े बैंकों के खर्च का विवरण है। इस रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं और स्थायी वित्त पोषण (sustainable financing) की दिशा में बदलाव की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

  • 2016 में पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से दुनिया के 60 सबसे बड़े बैंकों ने जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं के वित्तपोषण पर 5.5 ट्रिलियन डॉलर या 4,49,36,265 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह आंकड़ा अकेले इस मुद्दे के पैमाने को प्रदर्शित करता है और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
  • अमेरिका जीवाश्म ईंधन का शीर्ष फाइनेंसर था, जिसने 2022 में जीवाश्म ईंधन क्षेत्र में कुल वित्तपोषण का 28% प्रदान किया।
  • 2016-2022 से जीवाश्म ईंधन पर सबसे अधिक खर्च करने वाले दस बैंकों में जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी, सिटीबैंक एनए, वेल्स फ़ार्गो एंड कंपनी, बैंक ऑफ़ अमेरिका कॉर्पोरेशन और अन्य शामिल हैं।
  • केवल 2022 में जीवाश्म ईंधन के वित्तपोषण पर 673 बिलियन डॉलर खर्च किए गए, जिससे स्थिति की तात्कालिकता पर जोर दिया गया।
  • बीएनपी पारिबा (BNP Paribas), जिसने यूरोप में सबसे अधिक राशि उधार दी है, ने 2022 में $20.8 बिलियन में जीवाश्म ईंधन संस्थाओं को वित्तपोषित किया है।
  • कनाडा और जापान 2020-2022 तक जीवाश्म ईंधन के लिए शीर्ष फाइनेंसर थे।
  • G7 देशों ने 2020-2022 तक जीवाश्म ईंधन के लिए सार्वजनिक वित्त में $73 बिलियन प्रदान किए, जो पेरिस समझौते के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है।
Originally written on April 17, 2023 and last modified on April 17, 2023.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *