ASEAN शिखर सम्मेलन में नहीं जाएंगे पीएम मोदी, वर्चुअली करेंगे भागीदारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताहांत मलेशिया में आयोजित होने जा रहे 47वें आसियान शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से हिस्सा नहीं लेंगे। इसके बजाय, वे इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से भाग लेंगे। यह निर्णय दीपावली के चलते लिया गया है, जो भारत में बड़े स्तर पर मनाया जा रहा है। यह शिखर सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर के बीच मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित हो रहा है।
भारत की भागीदारी की जिम्मेदारी संभालेंगे एस. जयशंकर
हालांकि प्रधानमंत्री स्वयं सम्मेलन में नहीं जा रहे, लेकिन भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे और 27 अक्टूबर को आयोजित ईस्ट एशिया समिट में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि आसियान भारत की “एक्ट ईस्ट नीति” और “इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण” का एक प्रमुख स्तंभ है।
राजनैतिक हलचल और अमेरिका से संबंध
पीएम मोदी का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कुआलालंपुर में सम्मेलन में शिरकत करने जा रहे हैं। माना जा रहा था कि यह सम्मेलन भारत-अमेरिका के बीच हालिया तनाव के बीच दोनों नेताओं की मुलाकात का मंच बन सकता था। गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के चलते भारत पर 50% दंडात्मक शुल्क लगा दिया है।
हाल ही में ट्रंप और मोदी के बीच दीपावली के अवसर पर टेलीफोन वार्ता भी हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने बातचीत की अलग-अलग व्याख्या दी। अमेरिकी पक्ष का कहना था कि बातचीत में व्यापार समझौता, रूसी तेल और पाकिस्तान का मुद्दा शामिल था, जबकि भारत ने पाकिस्तान पर चर्चा से इनकार किया।
घरेलू राजनीति का प्रभाव
मोदी की यात्रा टालने के पीछे बिहार विधानसभा चुनाव का हवाला भी दिया गया है, जहां प्रधानमंत्री की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता बताई जा रही है। इससे पहले गाजा संघर्षविराम हेतु शर्म-अल-शेख शांति सम्मेलन में भी प्रधानमंत्री की जगह किर्ति वर्धन सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- आसियान (ASEAN): दक्षिण-पूर्वी एशिया के 10 देशों का संगठन है, जिसमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
- ईस्ट एशिया समिट (EAS): यह मंच क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर चर्चा हेतु 18 देशों को एक साथ लाता है, जिनमें अमेरिका, भारत, चीन, जापान आदि शामिल हैं।
- आक्ट ईस्ट पॉलिसी: भारत की यह नीति पूर्वी एशियाई देशों के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को गहराने पर केंद्रित है।
- इंडो-पैसिफिक रणनीति: भारत की यह रणनीति हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक के क्षेत्र में सहयोग और स्थिरता बनाए रखने पर आधारित है।
प्रधानमंत्री मोदी का वर्चुअल भागीदारी का निर्णय कई राजनैतिक और कूटनीतिक संकेत दे रहा है। एक ओर यह घरेलू राजनीति और सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सक्रियता और संतुलन साधने की कूटनीति को भी रेखांकित करता है।