AIIMS दिल्ली ने लॉन्च किया ‘Never Alone’: छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए एआई-आधारित पहल

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली ने एक अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित मानसिक स्वास्थ्य और वेलनेस कार्यक्रम “Never Alone” की शुरुआत की है। यह पहल खासतौर पर युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
क्या है ‘Never Alone’ कार्यक्रम?
“Never Alone” एक वेब-आधारित, सुरक्षित और व्यक्तिगत मानसिक स्वास्थ्य ऐप है जो छात्रों को 24/7 वर्चुअल और ऑफलाइन परामर्श की सुविधा प्रदान करता है। यह सेवा व्हाट्सएप के माध्यम से भी सुलभ है, जिससे इसका उपयोग और भी सरल हो जाता है। ऐप की सबसे बड़ी खासियत इसकी affordability है — यह संस्थानों को मात्र 70 पैसे प्रति छात्र प्रतिदिन की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है (यदि छात्र संख्या 5,000 या अधिक हो)।
AIIMS के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. नंद कुमार के अनुसार, यह पहल आत्महत्या से जुड़ी सामाजिक कलंक को कम करने और युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए तैयार की गई है।
कार्यक्रम का विस्तार और पहुँच
AIIMS दिल्ली के साथ-साथ यह कार्यक्रम AIIMS भुवनेश्वर और इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंसेज (IHBAS), शाहदरा में भी एक साथ शुरू किया गया। देश भर के सभी AIIMS संस्थानों को यह सेवा निःशुल्क प्रदान की जाएगी, जो ग्लोबल सेंटर ऑफ इंटीग्रेटिव हेल्थ (GCIH) के माध्यम से संचालित होगी। GCIH एक गैर-लाभकारी संस्था है, जिसे AIIMS के प्रख्यात पूर्व छात्र डॉ. दीपक चोपड़ा का मार्गदर्शन प्राप्त है।
भारत में छात्र आत्महत्या की विकराल स्थिति
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2022 में 1.7 लाख से अधिक लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के युवा 35% के साथ सबसे अधिक प्रभावित समूह रहे। डॉ. नंद कुमार ने इस तथ्य को उजागर किया कि आत्महत्या केवल मानसिक विकारों के कारण नहीं होती, बल्कि कई बार यह तत्कालीन जीवन संकट, जैसे आर्थिक तंगी, रिश्तों में समस्याएं, या पुरानी बीमारियों के कारण भी होती है।
उन्होंने यह भी कहा कि भले ही चिकित्सा संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ उपलब्ध हों, फिर भी 70-80% लोग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए सहायता नहीं लेते। इसका मुख्य कारण है – जागरूकता की कमी और सामाजिक कलंक।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- “Never Alone” ऐप AIIMS दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है और यह व्हाट्सएप के माध्यम से 24/7 उपलब्ध है।
- यह सेवा AIIMS संस्थानों में निःशुल्क और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को केवल ₹0.70 प्रति छात्र प्रतिदिन की दर पर उपलब्ध है।
- 2022 में भारत में आत्महत्या के कुल मामलों में से 67% युवा और मध्य आयु वर्ग के लोगों से जुड़े थे।
- WHO के अनुसार, हर 45 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है, जिनमें से 73% निम्न और मध्यम आय आय वाले देशों से होते हैं।