AIIMS दिल्ली ने रचा इतिहास: भारत का पहला स्वदेशी स्ट्रोक स्टेंट क्लीनिकल ट्रायल सफल
भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए AIIMS दिल्ली ने गंभीर स्ट्रोक के उपचार के लिए देश का पहला उन्नत मस्तिष्क स्टेंट क्लीनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया है। GRASSROOT नामक इस परीक्षण में भारत में विकसित Supernova stent का परीक्षण किया गया, जिसे Gravity Medical Technology ने तैयार किया है। इसके सफल परिणामों ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में ला खड़ा किया है जो उन्नत न्यूरोइंटरवेंशनल डिवाइसेज़ के लिए उच्च गुणवत्ता वाला नैदानिक प्रमाण स्वयं उत्पन्न कर सकते हैं।
GRASSROOT परीक्षण भारत में पहली बार किसी नए स्ट्रोक चिकित्सा उपकरण के लिए पूर्ण रूप से स्वदेशी आंकड़ों के आधार पर किया गया नैदानिक परीक्षण है। AIIMS दिल्ली इस परीक्षण का राष्ट्रीय समन्वय केंद्र और प्रमुख नामांकन स्थल रहा।
यह परीक्षण देश के 8 चिकित्सा केंद्रों में किया गया और इसका मुख्य उद्देश्य था – “Large Vessel Occlusion Stroke” जैसे जानलेवा स्ट्रोक स्थितियों का त्वरित और प्रभावी उपचार सुनिश्चित करना। इस स्थिति में शीघ्र रक्त प्रवाह बहाल करना मृत्यु और विकलांगता को रोकने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।
GRASSROOT परीक्षण के परिणामों में Supernova स्टेंट ने असाधारण सुरक्षा और प्रभावशीलता दिखाई। परीक्षण के निष्कर्ष ब्रिटिश मेडिकल जर्नल समूह के अंतर्गत आने वाले Journal of Neurointerventional Surgery में प्रकाशित हुए।
इन परिणामों के आधार पर, CDSCO (Central Drugs Standard Control Organisation) ने इस स्टेंट को नियमित क्लीनिकल उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। यह भारत का पहला स्ट्रोक डिवाइस है जिसे घरेलू परीक्षण के आधार पर अनुमोदन प्राप्त हुआ है।
Supernova स्टेंट को विशेष रूप से भारतीय आबादी में स्ट्रोक के बढ़ते बोझ को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। भारत में अपेक्षाकृत कम उम्र में स्ट्रोक होने की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए यह उपकरण विकसित किया गया है।
“मेक इन इंडिया” पहल के तहत निर्मित यह डिवाइस अब तक दक्षिण-पूर्व एशिया में 300 से अधिक मरीजों के इलाज में उपयोग हो चुका है। इसके घरेलू निर्माण की योजना के साथ ही, यह उपकरण अब भारत में अधिक सुलभ और कम लागत पर उपलब्ध होगा।
विशेषज्ञों के अनुसार GRASSROOT परीक्षण भारतीय चिकित्सा नवाचार के लिए एक मोड़ साबित हो सकता है। इससे यह साबित हुआ कि भारत न केवल उच्च स्तरीय चिकित्सा उपकरण बना सकता है, बल्कि वैश्विक मानकों के अनुरूप क्लीनिकल परीक्षणों को भी प्रभावी ढंग से अंजाम दे सकता है।
Supernova स्टेंट की सफलता भारतीय शोध और विनिर्माण क्षमताओं में विश्वास को और मजबूत करेगी, जान बचाने वाली तकनीकों तक पहुंच बढ़ाएगी, और भविष्य में और अधिक उन्नत चिकित्सा उपकरणों के विकास को प्रेरित करेगी।