#AFarmerCan अभियान: जलवायु संरक्षण में किसानों की भूमिका को वैश्विक पहचान
वैश्विक स्थायी कृषि कंपनी UPL ने ‘The hero you don’t know you need’ टैगलाइन के साथ एक अंतरराष्ट्रीय अभियान ‘#AFarmerCan’ लॉन्च किया है। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में नायक के रूप में प्रस्तुत करना है। यह पहल संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP30), बेलें, ब्राज़ील से पहले शुरू की गई है।
किसान: जलवायु नेतृत्व के नायक
UPL के इस अभियान में विश्व के विभिन्न महाद्वीपों से 20 प्रेरणादायक किसानों की कहानियाँ साझा की गई हैं, जो ग्रीनहाउस गैसों को कम करने, मृदा स्वास्थ्य बढ़ाने, जल संरक्षण करने और जैव विविधता को बढ़ावा देने में अग्रणी हैं।
इन कहानियों को COP30 में UPL की प्रमुख वकालत के केंद्र में रखा गया है, जिससे यह प्रदर्शित किया जा सके कि कृषि प्रणाली जलवायु संकट का समाधान भी हो सकती है।
किसान सशक्तिकरण के लिए चार स्तंभ
अभियान के हिस्से के रूप में UPL ने किसान लचीलापन बढ़ाने के लिए एक चार-स्तंभीय ढांचा प्रस्तुत किया है:
- Pay: जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन।
- Protect: जलवायु जोखिमों से सुरक्षा हेतु बीमा और सब्सिडी।
- Procure: सतत कृषि बाजारों तक पहुँच।
- Promote: डिजिटल टूल्स, मृदा डेटा और ज्ञान-साझाकरण मंचों को सशक्त बनाना।
यह ढांचा किसानों के हितों को पर्यावरणीय लक्ष्यों से जोड़ने की दिशा में एक ठोस पहल है।
COP30 में वैश्विक प्रचार
बेलें शहर में अभियान की दृश्यता अत्यधिक व्यापक है—हवाई अड्डों, टैक्सियों और बसों पर QR कोड्स के माध्यम से किसान कहानियों को प्रस्तुत किया जा रहा है। इसके अलावा, सोशल मीडिया, डिजिटल सामग्री और एक लघु फिल्म के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि किसान जलवायु आंदोलन के अनसुने नायक हैं।
ईको-फ्रेंडली प्रचार सामग्री के माध्यम से यह संदेश और अधिक प्रभावी रूप से फैलाया जा रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- • #AFarmerCan अभियान UPL द्वारा COP30 से पूर्व बेलें, ब्राज़ील में लॉन्च किया गया।
- • 20 वैश्विक किसानों की जलवायु अनुकूल कहानियों को उजागर किया गया।
- • चार स्तंभ: Pay, Protect, Procure, Promote।
- • UPL के चेयरमैन जय श्रॉफ ने किसानों को “जलवायु लचीलापन के नायक” कहा।
नीति निर्माण की दिशा में अपील
UPL के ग्रुप सीईओ जय श्रॉफ ने वैश्विक नीति निर्माताओं और उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे किसानों को न्यायसंगत नीति, पहचान और संसाधनों के माध्यम से समर्थन दें। उन्होंने कहा, “जलवायु लचीलापन की शुरुआत खेतों से होती है।”