68वें राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में मैनु भाकर और सिमरनप्रीत का शानदार प्रदर्शन

68वें राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में मैनु भाकर और सिमरनप्रीत का शानदार प्रदर्शन

68वें राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता में भारत की प्रमुख पिस्टल शूटरों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज, नई दिल्ली में आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में वरिष्ठ और जूनियर दोनों वर्गों में भारत की शीर्ष प्रतिभाओं ने अपना दबदबा दिखाया। महिला पिस्टल शूटिंग की दुनिया में भारत की स्थिरता और गहराई को इन परिणामों ने स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया।

दोहरे ओलंपिक पदक विजेता मैनु भाकर ने वरिष्ठ महिला 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल इवेंट में शानदार रूप से स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने फाइनल में शांत और नियंत्रित पारी खेलते हुए कुल 36 हिट्स के साथ प्रतियोगियों से चार हिट्स आगे रहते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया। मैनु की यह जीत उनके अनुभव और निरंतरता का परिणाम थी।

कर्नाटक की दिव्या टी.एस. ने रजत पदक हासिल किया जबकि अंजली चौधरी ने कांस्य पदक के साथ फाइनल पोडियम को पूरा किया। इस इवेंट में प्रतिभागियों की क्षमता और प्रतिस्पर्धा का उच्च स्तर देखने को मिला, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारतीय महिला पिस्टल शूटरों की कुशलता निरंतर बढ़ रही है।

जूनियर महिला 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल इवेंट में सिमरनप्रीत कौर ब्रार ने अपनी लाजवाब प्रतिभा का परिचय देते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने फाइनल में 39 हिट्स का मजबूत स्कोर बनाकर प्रतियोगियों से बेहतरीन प्रदर्शन किया और अपना दबदबा कायम रखा।

सिमरनप्रीत ने 2025 के अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय इवेंट्स में पहले ही अपनी क्षमता साबित की है और इस जीत ने उनकी उभरती प्रतिभा को और मजबूती प्रदान की है। उनके प्रदर्शन ने यह संकेत भी दिया कि भारतीय शूटिंग में भविष्य के लिए मजबूत उम्मीदें बंध चुकी हैं।

68वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में देश भर की शीर्ष शूटरों ने भाग लिया, जिससे यह प्रतियोगिता हर वर्ग में अत्यंत प्रतिस्पर्धात्मक बनी रही। चयनकर्ताओं के लिए इन प्रतियोगिताओं का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यहाँ के परिणाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टीमों के चयन में अहम भूमिका निभाते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर उच्च प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के अवसर प्राप्त होते हैं।

इस पिस्टल इवेंट में शॉट्स और हिट्स के अंतर, मानसिक दृढ़ता और तीव्रता ने विजेताओं को शीर्ष पर पहुँचाया। प्रत्येक शूटर की तैयारी, अनुशासन और प्रतिस्पर्धा के प्रति प्रतिबद्धता ने इस प्रतियोगिता को और भी रोमांचक और प्रेरणादायक बनाया।

भारत की महिला पिस्टल शूटिंग में निरंतर सफलता और युवा प्रतिभाओं का उभरना यह दर्शाता है कि देश की शूटिंग में भविष्य उज्जवल है। अनुभवी ओलंपिक निशानेबाजों और उभरती प्रतिभाओं के संगम से भारतीय शूटिंग को आने वाले अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में और भी तीव्र प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा।

Originally written on December 18, 2025 and last modified on December 18, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *