नागपुर में भारत की पहली एआई आधारित आंगनवाड़ी की शुरुआत: ग्रामीण शिक्षा में तकनीक का नया युग

महाराष्ट्र के नागपुर जिले के वडधामना गांव में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने देश की पहली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) संचालित आंगनवाड़ी का उद्घाटन किया। ‘मिशन बाल भरारी’ के अंतर्गत स्थापित इस पायलट केंद्र ने ग्रामीण भारत के लिए शिक्षा में तकनीकी क्रांति की नींव रखी है।
क्या है एआई आंगनवाड़ी?
परंपरागत रूप से आंगनवाड़ी केंद्र 0–6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा का मुख्य स्रोत होते हैं, विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े समुदायों में। अब इन्हें उन्नत डिजिटल टूल्स जैसे:
- एआई डैशबोर्ड्स
- वर्चुअल रियलिटी (VR) हेडसेट्स
- इंटरैक्टिव डिजिटल कंटेंट
से सुसज्जित किया जा रहा है, जिससे बच्चों के लिए एक रोचक, रचनात्मक और व्यावहारिक शिक्षण अनुभव सुनिश्चित हो सके।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- यह भारत की पहली एआई-संचालित आंगनवाड़ी है, जिसे नागपुर के वडधामना गांव में शुरू किया गया है।
- यह केंद्र ‘मिशन बाल भरारी’ योजना के अंतर्गत स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण बच्चों को शहरी स्कूलों के बराबर तकनीकी संसाधन प्रदान करना है।
- नागपुर जिला परिषद ने 40 और ऐसे केंद्र शुरू करने की घोषणा की है।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट सिस्टम के संचालन हेतु विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
- इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण-शहरी डिजिटल अंतर को समाप्त करना और सभी बच्चों को समान गुणवत्ता की शिक्षा देना है।
शिक्षा में तकनीक का समावेश
इस पहल के अंतर्गत बच्चे कविताएँ, गीत और प्रारंभिक पाठ्यक्रम अब VR और AI की सहायता से सीखते हैं। इससे उनकी जिज्ञासा, रचनात्मकता और भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। यह पहल उन सुविधाओं को ग्रामीण बच्चों तक पहुँचा रही है जो अब तक केवल बड़े शहरों के निजी किंडरगार्टन में उपलब्ध थीं।
बाल विकास का समग्र दृष्टिकोण
एआई आंगनवाड़ी न केवल शिक्षा बल्कि संपूर्ण बाल विकास, आत्मविश्वास निर्माण और सामाजिक समावेशन की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है। जिला परिषद के CEO विनायक महामुनी ने कहा, “हर बच्चे को आनंद, जिज्ञासा और आत्मविश्वास से सीखने का अवसर मिलना चाहिए।