सार्वजनिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मधुमेह और उच्च रक्तचाप देखभाल की बेहतर तैयारी: ICMR-NCDIR अध्ययन

भारत में मधुमेह और उच्च रक्तचाप की बढ़ती चुनौती के मद्देनज़र, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र (ICMR-NCDIR), बेंगलुरु द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि सार्वजनिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHCs) इन बीमारियों की देखभाल के लिए उप-केंद्रों (SCs), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHCs) और उप-जिला अस्पतालों (SDHs) की तुलना में बेहतर तैयार हैं।
अध्ययन का अवलोकन
यह अध्ययन 2021 से 2023 के बीच दो चरणों में 19 जिलों के 415 स्वास्थ्य केंद्रों पर किया गया, जिसमें 75.7% सार्वजनिक और 24% निजी संस्थान शामिल थे। इनमें से 57.6% प्राथमिक स्तर की सुविधाएं थीं, और 56.3% ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित थीं। अध्ययन में उपकरण, दवाएं, निदान क्षमता, स्टाफ और दिशानिर्देशों की उपलब्धता जैसे चार प्रमुख क्षेत्रों में सेवाओं की तत्परता का मूल्यांकन किया गया।
प्रमुख निष्कर्ष
- PHCs की तत्परता: सार्वजनिक PHCs का औसत तत्परता स्कोर 73% था, जो उन्हें मधुमेह और उच्च रक्तचाप सेवाओं के लिए तैयार श्रेणी में रखता है। इसके विपरीत, SCs और CHCs का स्कोर क्रमशः 61% और 59% था, जो उन्हें कम तैयार दर्शाता है।
- दवा की उपलब्धता: SCs में आवश्यक दवाओं की कमी गंभीर थी। 105 SCs में से 35.2% में मेटफॉर्मिन और 44.8% में एम्लोडिपिन की कमी पाई गई, जिसकी अवधि 1 से 7 महीने तक थी।
- निजी सुविधाएं: निजी प्राथमिक देखभाल सुविधाओं (स्तर 2) का औसत तत्परता स्कोर 57% था, जो सार्वजनिक PHCs से कम था।
- उच्च स्तरीय सुविधाएं: जिला अस्पतालों, सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों, और अन्य निजी तृतीयक देखभाल सुविधाओं का स्कोर 70% से अधिक था, जो उन्हें तैयार श्रेणी में रखता है।
सुधार के सुझाव
- मानव संसाधन: CHCs में विशेषज्ञों की कमी पाई गई, जिसमें चिकित्सकों की 82.2% और सर्जनों की 83.2% की कमी थी।
- दवा आपूर्ति: सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में आवश्यक दवाओं की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना आवश्यक है।
- निदान सेवाएं: जिला अस्पतालों में निदान सेवाओं की उपलब्धता कम थी, जिससे जटिल मामलों के प्रबंधन में बाधा आ सकती है।
- सूचना प्रणाली: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सटीक सूचना प्रणाली और विश्वसनीय दवा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत उच्च रक्तचाप नियंत्रण पहल (IHCI) परियोजना से सीखे गए पाठों को अपनाया जा सकता है।