5वीं समुद्री मत्स्य जनगणना 2025: मछुआरा समुदाय के लिए डेटा आधारित नीति निर्माण की पहल
भारत में 31 अक्टूबर 2025 से समुद्री मछुआरा समुदाय की सामाजिक-आर्थिक और व्यावसायिक स्थिति का दस्तावेजीकरण करने की एक विशाल राष्ट्रव्यापी पहल शुरू हो रही है। यह 5वीं समुद्री मत्स्य जनगणना (Marine Fisheries Census – MFC) 2025 का प्रारंभिक चरण है, जिसे मत्स्य विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य भारत की मत्स्य नीति और संसाधन प्रबंधन को डेटा आधारित और अधिक प्रभावी बनाना है।
कोच्चि में होगा आधिकारिक शुभारंभ
ICAR-केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CMFRI), कोच्चि में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय मत्स्य राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन इस जनगणना और एक राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य डेटा केंद्र (National Marine Fisheries Data Centre) का भी शुभारंभ किया जाएगा, जो पूरे भारत से एकत्रित डेटा का संकलन और विश्लेषण करने का प्रमुख मंच होगा।
व्यापक कवरेज और स्थानीय सहभागिता
यह जनगणना देश के सभी तटीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित 1.2 मिलियन से अधिक मछुआरा परिवारों को कवर करेगी। यह एक 45-दिन की गणना प्रक्रिया होगी, जिसमें स्थानीय समुदाय के प्रशिक्षित गणनाकार घर-घर जाकर आंकड़े एकत्र करेंगे। यह प्रक्रिया मछुआरों, उनके परिवारों, मछली पकड़ने के उपकरणों और नौकाओं की जानकारी को समाहित करेगी, जो भारत की समुद्री मत्स्य सांख्यिकी की रीढ़ मानी जाती है।
पहली पूर्ण डिजिटल और भू-स्थानिक जनगणना
2025 की जनगणना भारत की पहली पूर्णतः डिजिटल और भू-संदर्भित (geo-referenced) समुद्री मत्स्य जनगणना होगी। CMFRI द्वारा विकसित मोबाइल और टैबलेट आधारित एप्लिकेशन के माध्यम से डेटा संग्रहण किया जाएगा, जिससे पारंपरिक त्रुटियाँ कम होंगी और प्रक्रिया अधिक तेज़ तथा सटीक बनेगी।
इस उद्देश्य के लिए दो विशेष डिजिटल उपकरण — VYAS-BHARAT और VYAS-SUTRA — भी लॉन्च किए जाएंगे, जो डेटा संग्रहण और विश्लेषण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- 5वीं समुद्री मत्स्य जनगणना 2025, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत CMFRI द्वारा आयोजित की जा रही है।
- यह जनगणना भारत के 1.2 मिलियन से अधिक मछुआरा परिवारों को कवर करेगी।
- यह पहली पूर्ण डिजिटल और भू-संदर्भित मत्स्य जनगणना है।
- VYAS-BHARAT और VYAS-SUTRA दो प्रमुख डिजिटल टूल हैं, जो डेटा संग्रहण और विश्लेषण में प्रयोग होंगे।
टिकाऊ मत्स्य प्रबंधन और “ब्लू इकोनॉमी” को सशक्त बनाने की दिशा में कदम
MFC 2025 से प्राप्त जानकारी भारत की समुद्री संसाधन नीति, मछुआरा समुदाय की आजीविका सुधार, और तटीय अवसंरचना विकास में आधारभूत भूमिका निभाएगी। स्थानीय अनुभवों और वैज्ञानिक डेटा का समावेश इस प्रक्रिया को और अधिक समावेशी और प्रभावशाली बनाएगा।