31 अक्टूबर से FASTag के लिए अनिवार्य हुआ KYV सत्यापन
देशभर के वाहन मालिकों के लिए अब 31 अक्टूबर 2025 से एक नई अनिवार्यता लागू हो गई है — “Know Your Vehicle” (KYV) सत्यापन। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा शुरू की गई यह प्रक्रिया FASTag के उपयोग में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाई गई है। हालांकि, इस नए निर्देश से कई वाहन मालिकों में भ्रम और चिंता भी देखी जा रही है।
FASTag के लिए अनिवार्य KYV प्रक्रिया
NHAI के निर्देशानुसार, अब प्रत्येक वाहन स्वामी को अपने FASTag को सक्रिय बनाए रखने के लिए KYV प्रक्रिया पूरी करनी होगी। जो वाहन मालिक यह सत्यापन समय पर नहीं कर पाएंगे, उनके FASTag निष्क्रिय कर दिए जाएंगे, जिससे उन्हें टोल प्लाज़ा पर नकद भुगतान करना पड़ेगा। यह नियम सभी बैंकों और भुगतान प्लेटफ़ॉर्म्स पर समान रूप से लागू है।
KYV लागू करने के पीछे के कारण
NHAI और नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा की गई जांच में FASTag के दुरुपयोग के कई मामले सामने आए। इनमें शामिल हैं — ढीले FASTag टैग को पर्स में रखकर ले जाना, एक टैग का कई वाहनों में उपयोग करना, या कार के टैग को ट्रकों में लगाकर कम टोल शुल्क चुकाना। इन अनियमितताओं को रोकने के लिए KYV की शुरुआत की गई है ताकि हर टैग का सही ढंग से संबंधित वाहन से लिंक हो सके।
दस्तावेज़ और सत्यापन प्रक्रिया
KYV प्रक्रिया पूरी करने के लिए वाहन मालिकों को निम्नलिखित दस्तावेज़ जमा करने होंगे:
- वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) जिसमें वाहन संख्या और मालिक का नाम स्पष्ट हो।
- वैध पहचान पत्र जैसे आधार, पैन कार्ड या पासपोर्ट।
- कुछ मामलों में मालिक की हालिया तस्वीर।
- विशिष्ट वाहनों के लिए नंबर प्लेट और FASTag की स्थिति स्पष्ट करती हुई सामने और साइड की तस्वीरें।
यह प्रक्रिया संबंधित बैंक की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के “Update KYV” या “Know Your Vehicle” विकल्प के माध्यम से पूरी की जा सकती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- KYV का पूर्ण रूप: Know Your Vehicle
- यह प्रक्रिया 31 अक्टूबर 2025 से FASTag के लिए अनिवार्य है।
- KYV सत्यापन बैंकों या FASTag ऐप के माध्यम से किया जा सकता है।
- सत्यापन न होने पर FASTag निष्क्रिय हो जाएगा, चाहे खाते में शेष राशि हो।
प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं
NHAI पहले ही सत्यापन न कराने वाले कई FASTag को निष्क्रिय कर चुका है, जिससे कुछ वाहन टोल प्लाज़ा पर रुक गए। हालांकि तकनीकी समस्याएं सामने आई हैं, फिर भी यह प्रणाली टैग के दुरुपयोग को रोकने, चोरी या बेचे गए वाहनों की ट्रैकिंग में सहायक बनने और टोल डेटा में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।