30 दिनों में 45,911 सौर कृषि पंप स्थापित कर महाराष्ट्र ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

30 दिनों में 45,911 सौर कृषि पंप स्थापित कर महाराष्ट्र ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

महाराष्ट्र ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। राज्य ने केवल 30 दिनों में 45,911 ऑफ-ग्रिड सौर कृषि पंप स्थापित कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि कैसे राज्य स्वच्छ सिंचाई प्रणालियों की ओर तेज़ी से अग्रसर हो रहा है, जिससे पारंपरिक बिजली पर निर्भरता घट रही है।

सरकारी योजनाओं के तहत रिकॉर्ड-तोड़ उपलब्धि

ये इंस्टॉलेशन पीएम-कुसुम योजना (PM-KUSUM) के कंपोनेंट बी और ‘मागेल त्याला सौर कृषी पंप योजना’ के अंतर्गत किए गए। इस पैमाने पर इतने कम समय में कृषि पंप स्थापित करने वाला महाराष्ट्र भारत का सबसे तेज़ राज्य बन गया है, और दुनिया में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।

इस लक्ष्य के पीछे कृषि सिंचाई की सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण का उद्देश्य है, जो राज्य की दीर्घकालिक ऊर्जा नीति को मजबूती देता है।

राजनीतिक और प्रशासनिक समर्थन

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस सफलता का श्रेय पीएम-कुसुम योजना को दिया, जिसने किसानों के बीच सौर पंप अपनाने को संभव बनाया। अब तक राज्य में 7.47 लाख से अधिक सौर कृषि पंप लगाए जा चुके हैं और लक्ष्य 10.45 लाख तक पहुँचना है।

उन्होंने यह भी कहा कि सौर आधारित सिंचाई से बिजली ग्रिड पर दबाव कम होता है और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलता है।

कुशल कार्यान्वयन और जवाबदेही

MSEDCL के चेयरमैन लोकेश चंद्र ने इस सफलता का श्रेय योजना के डिज़ाइन, पारदर्शी वेंडर चयन और सख्त सेवा निगरानी प्रणाली को दिया। किसानों की शिकायतें 3 दिनों में सुलझाई जाती हैं, जिससे सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित रहती है।

भूमि के आकार के अनुसार पंप की क्षमता 3 HP से 7 HP तक होती है। रिकॉर्ड-सेटिंग अवधि में GK एनर्जी ने लगभग 17% इंस्टॉलेशन का योगदान दिया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • महाराष्ट्र ने 30 दिनों में 45,911 सौर कृषि पंप लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
  • यह उपलब्धि पीएम-कुसुम योजना के कंपोनेंट B और राज्य की सौर योजनाओं के तहत मिली।
  • अब तक राज्य में कुल 7.47 लाख से अधिक सौर पंप लगाए गए हैं।
  • पंप की क्षमता 3 HP से 7 HP तक भूमि आकार पर निर्भर करती है।

दीर्घकालिक सौर सिंचाई नीति की दिशा में कदम

महाराष्ट्र सरकार ने भविष्य में कृषि विद्युत कनेक्शन के लिए ऑफ-ग्रिड सौर पंप को प्राथमिकता देने की नीति अपनाई है। इसका उद्देश्य पारंपरिक बिजली नेटवर्क पर निर्भरता को न्यूनतम करना और किसानों को स्थायी, भरोसेमंद और स्वच्छ सिंचाई विकल्प उपलब्ध कराना है।

यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए अनुकूल है, बल्कि यह किसानों के आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक स्थायी समाधान भी प्रदान करती है।

Originally written on December 8, 2025 and last modified on December 8, 2025.

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