291 जिलों में नए नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम

भारत सरकार ने नशा मुक्ति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए देश के 291 “गैप” जिलों में जिला नशा मुक्ति केंद्र (District De-Addiction Centres – DDACs) स्थापित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। ये जिले वे हैं जहाँ वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा समर्थित कोई भी नशा मुक्ति या पुनर्वास केंद्र नहीं है। यह पहल राष्ट्रीय नशा मांग न्यूनीकरण कार्य योजना (National Action Plan for Drug Demand Reduction – NAPDDR) के अंतर्गत की जा रही है।

“गैप” जिलों की पहचान और राज्यों का वितरण

“गैप” जिलों की पहचान उन क्षेत्रों के रूप में की गई है जहाँ Integrated Rehabilitation Centres for Addicts (IRCAs), Community-based Peer Led Initiatives (CPLIs), या Outreach and Drop-in Centres (ODICs) जैसी केंद्र सरकार समर्थित सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं। इन 291 जिलों में से सबसे अधिक 31 जिले छत्तीसगढ़ राज्य से हैं। अन्य प्रमुख राज्यों में बिहार (25), मध्य प्रदेश (23), गुजरात (22), अरुणाचल प्रदेश (21), झारखंड (16), उत्तर प्रदेश (18), पंजाब (16), और असम (10) शामिल हैं।

DDACs की संरचना और कार्य

प्रत्येक DDAC में निम्नलिखित सुविधाएँ होंगी:

  • उपचार और पुनर्वास केंद्र: जहाँ 15 या 30 रोगियों के लिए आवासीय सुविधा होगी।
  • ड्रॉप-इन सेंटर: समुदाय के लिए खुला स्थान जहाँ लोग परामर्श और सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
  • CPLI क्षेत्र: समुदाय आधारित पहल के लिए समर्पित स्थान।

इन केंद्रों का उद्देश्य केवल उपचार ही नहीं, बल्कि नशे के प्रति जागरूकता फैलाना, जोखिम में पड़े बच्चों और युवाओं की पहचान करना, और उन्हें समय पर सहायता प्रदान करना भी है।

प्रस्ताव आमंत्रण और पात्रता

केंद्र सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और स्टार्ट-अप्स से 30 जून, 2025 तक प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। पात्रता के लिए आवेदक संगठनों को नशा मुक्ति के क्षेत्र में कम से कम दो वर्षों का अनुभव होना आवश्यक है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • NAPDDR: यह योजना 2018 से 2025 तक के लिए लागू की गई है, जिसका उद्देश्य नशे की समस्या को शिक्षा, उपचार, पुनर्वास और सामाजिक पुनःएकीकरण के माध्यम से कम करना है।
  • वर्तमान में समर्थित केंद्र: सरकार वर्तमान में 350 IRCAs, 74 ODICs, 46 CPLIs, और 124 DDACs का समर्थन कर रही है।
  • राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन: नशा मुक्ति के लिए 14446 नंबर पर टोल-फ्री हेल्पलाइन उपलब्ध है, जो Tele MANAS के साथ एकीकृत है।
  • 2017-18 सर्वेक्षण: इस सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लगभग 1.18 करोड़ बच्चे और किशोर और 7 करोड़ वयस्क विभिन्न नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं।

यह पहल न केवल नशे की समस्या से जूझ रहे लोगों को सहायता प्रदान करेगी, बल्कि समाज में नशे के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। DDACs के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि देश के हर कोने में नशा मुक्ति की सुविधाएँ उपलब्ध हों, ताकि कोई भी व्यक्ति सहायता से वंचित न रहे।

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