2035 तक चार गुना बढ़ सकता है सतत ईंधनों का उपयोग: IEA की रिपोर्ट

विश्व भर में बढ़ते ऊर्जा संकट और पर्यावरणीय चिंताओं के बीच, सतत ईंधनों (Sustainable Fuels) की भूमिका तेजी से महत्वपूर्ण होती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने अपनी नई रिपोर्ट Delivering Sustainable Fuels: Pathways to 2035 में अनुमान लगाया है कि यदि वर्तमान नीतियों के साथ-साथ निवेश को प्रोत्साहित करने और बाजार की बाधाओं को दूर करने के लिए लक्षित कदम उठाए जाएं, तो 2035 तक सतत ईंधनों का वैश्विक उपयोग चार गुना तक बढ़ सकता है।
सतत ईंधनों का महत्व और वर्तमान स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, सतत तरल और गैसीय ईंधन — जैसे कि जैव ईंधन (biofuels), बायोगैस, कम उत्सर्जन वाले हाइड्रोजन ईंधन और हाइड्रोजन-आधारित फ्यूल — पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। इन ईंधनों का उपयोग न केवल ऊर्जा क्षेत्र को पर्यावरणीय रूप से अधिक टिकाऊ बनाता है, बल्कि यह ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करता है और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को भी गति देता है।
2024 तक, सतत ईंधनों ने वैश्विक तेल की मांग को लगभग 25 लाख बैरल प्रतिदिन तक घटाया है। वहीं, आयात-आधारित देशों में ये ईंधन 5-15 प्रतिशत तक परिवहन ईंधन आयात पर निर्भरता को कम कर रहे हैं। जैव ईंधन वर्तमान में वैश्विक परिवहन ऊर्जा मांग का लगभग 4 प्रतिशत भाग पूरा कर रहे हैं, जबकि बायोगैस और हाइड्रोजन जैसे ईंधनों की भागीदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है।
सतत ईंधनों की लागत और संभावनाएं
हालांकि वर्तमान में सतत ईंधन पारंपरिक ईंधनों की तुलना में महंगे हैं, लेकिन रिपोर्ट में बताया गया है कि नवाचार के माध्यम से इस लागत अंतर को कम किया जा सकता है। जैसे-जैसे तकनीक का विस्तार होगा और वित्तपोषण सस्ता होगा, वैसे-वैसे नए ईंधन मार्ग — जैसे कि अल्कोहल-टू-जेट और हाइड्रोजन आधारित सिंथेटिक फ्यूल — अधिक सुलभ और प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं।
कुछ देशों में, जैसे ब्राज़ील और अमेरिका, इथेनॉल जैसे ईंधन पहले से ही जीवाश्म ईंधनों की तुलना में सस्ते या बराबरी पर हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला अतिरिक्त खर्च सीमित होगा — उदाहरण के लिए, 15 प्रतिशत सतत विमानन ईंधन के मिश्रण से टिकट कीमतों में केवल 5-7 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की स्थापना 1974 में की गई थी।
- ब्राज़ील में नवीकरणीय ईंधन कुल ऊर्जा खपत का लगभग 10% हिस्सा हैं।
- ICAO (अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) और IMO (अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन) सतत ईंधनों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
- 2035 तक सतत ईंधनों में USD 1.5 ट्रिलियन का निवेश और लगभग 20 लाख नए रोजगार उत्पन्न होने की संभावना है।
भविष्य की दिशा: 2035 तक की रूपरेखा
IEA की रिपोर्ट के अनुसार, यदि घोषित और लागू नीतियों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया गया, तो 2035 तक सतत ईंधन सड़क परिवहन की 10 प्रतिशत, विमानन की 15 प्रतिशत और समुद्री परिवहन की 35 प्रतिशत मांग को पूरा कर सकते हैं। औद्योगिक क्षेत्र में विशेषकर रसायन, रिफाइनिंग और इस्पात जैसे क्षेत्रों में हाइड्रोजन आधारित ईंधनों की मांग बढ़ने की संभावना है।
IEA ने इस परिवर्तन को गति देने के लिए छह प्राथमिक कार्रवाइयों की सिफारिश की है: क्षेत्रीय नीतिगत रोडमैप तैयार करना, मांग में स्थिरता लाना, कार्बन लेखांकन में पारदर्शिता बढ़ाना, नवाचार को बढ़ावा देना, आपूर्ति श्रृंखला विकसित करना, और विशेष रूप से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय पहुंच को सुलभ बनाना।