2028 तक भारत बनेगा विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

2028 तक भारत बनेगा विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

वैश्विक निवेश बैंक यूबीएस ग्लोबल रिसर्च की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्ष 2028 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की जीडीपी में लगभग 6.5% वार्षिक वृद्धि दर्ज की जाएगी, जो न केवल नीतिगत सुधारों का परिणाम है बल्कि मजबूत घरेलू मांग और बुनियादी ढांचे के विस्तार का भी संकेत है।

भारत की विकास दर और प्रमुख प्रेरक कारक

यूबीएस की मुख्य भारत अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन के अनुसार, वित्त वर्ष 2027 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.4% और 2028 में 6.5% पर स्थिर रह सकती है। इस स्थिरता के पीछे सरकार की सतत सुधार नीति, उद्योगों में नियमन में ढील, और बुनियादी ढांचे के विस्तार जैसे कदम अहम भूमिका निभा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत की व्यापक आर्थिक स्थिरता बनी हुई है, जिसका श्रेय संतुलित चालू खाते और वित्तीय अनुशासन को जाता है।
इसके अतिरिक्त, निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजनाएँ, तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ, और लॉजिस्टिक नेटवर्क का आधुनिकीकरण भी भारत की विकास गति को और सुदृढ़ बना रहे हैं।

मुद्रास्फीति, राजकोषीय रुझान और संभावित जोखिम

यूबीएस रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2027 में भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति 4.3% तक पहुंच सकती है, जो भारतीय रिज़र्व बैंक के 4.5% के अनुमान से कम है। वहीं, चालू खाते का घाटा लगभग 1.2% जीडीपी के आसपास रहने की संभावना जताई गई है, जिसे “संतोषजनक स्तर” माना गया है।
हालांकि, रिपोर्ट यह भी चेतावनी देती है कि यदि व्यापार शुल्क (टैरिफ) ऊँचे स्तर पर बने रहे लगभग 50% तो इससे जीडीपी वृद्धि दर में 0.5 प्रतिशत अंक की गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, अमेरिका की नई कर नीतियाँ भारत की विदेशी आय पर प्रभाव डाल सकती हैं। इसके विपरीत, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को तेजी से अपनाने और संरचनात्मक सुधारों को गहराई देने से भारत की संभावित वृद्धि दर 6.5–7% तक पहुँच सकती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत वर्ष 2028 तक अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।
  • अनुमानित जीडीपी वृद्धि दर: 6.5% (FY28–30)।
  • चालू खाता घाटा: लगभग 1.2% जीडीपी (FY27)।
  • मुद्रास्फीति अनुमान: 4.3% (FY27), जो RBI के 4.5% अनुमान से कम।
  • प्रमुख विकास कारक: अवसंरचना, डीरेगुलेशन, अनुसंधान एवं विकास (R&D), और एआई अपनाना।
  • प्रमुख अर्थशास्त्री: तन्वी गुप्ता जैन, यूबीएस चीफ इंडिया इकॉनमिस्ट।

सुधार और भविष्य की दिशा

यूबीएस का मानना है कि भारत को भूमि सुधार, पूंजी बाजार सुधार, और अनुसंधान निवेश में निरंतरता बनाए रखनी होगी ताकि “नई अर्थव्यवस्था” की संभावनाओं को पूरी तरह खोला जा सके। विनिर्माण, डिजिटल सेवाओं, और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवाचार और श्रम भागीदारी को प्रोत्साहित करना आवश्यक है।

Originally written on November 12, 2025 and last modified on November 12, 2025.

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