2025 हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में गिरावट: केवल 57 देशों में वीज़ा-मुक्त यात्रा

भारत के पासपोर्ट धारकों के लिए एक मिश्रित समाचार आया है — 2025 के हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 85वें स्थान पर पहुँच गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5 पायदान नीचे है। अब भारतीय नागरिक केवल 57 देशों में वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं, जबकि 2024 में यह संख्या 59 थी।
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स क्या है?
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स वैश्विक स्तर पर देशों के पासपोर्ट को इस आधार पर रैंक करता है कि वे अपने नागरिकों को कितने देशों में वीज़ा-मुक्त या वीज़ा ऑन अराइवल की सुविधा प्रदान करते हैं। इसे 2005 में “वीज़ा रेस्ट्रिक्शन इंडेक्स” के रूप में शुरू किया गया था और 2018 से वर्तमान नाम से अपडेट किया गया है।
भारत की स्थिति और यात्रा विकल्प
2025 में भारत की रैंकिंग 85वें स्थान पर रही। कुछ प्रमुख विवरण:
- वीज़ा-मुक्त प्रवेश: 12 देश — भूटान, नेपाल, इंडोनेशिया, मॉरीशस, त्रिनिडाड और टोबैगो आदि।
- वीज़ा ऑन अराइवल की सुविधा: 27 देश — श्रीलंका, मालदीव, जॉर्डन, कतर, म्यांमार, तंज़ानिया, मंगोलिया, इथियोपिया, बोलिविया, कम्बोडिया आदि।
- कुल वीज़ा-मुक्त और ऑन-अराइवल गंतव्य: 57 देश
भारत की पासपोर्ट ताकत मध्यम स्तर की मानी जाती है और वर्षों में इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। 2006 में भारत ने 71वां स्थान प्राप्त किया था जबकि 2021 में यह गिरकर 90वें स्थान पर पहुंच गया था।
पड़ोसी देशों की स्थिति
भारत की तुलना में उसके पड़ोसी देशों की रैंकिंग इस प्रकार है:
- भूटान: 92वां स्थान (50 देश वीज़ा-मुक्त)
- बांग्लादेश: 100वां स्थान (38 देश)
- नेपाल: 101वां स्थान (36 देश)
- पाकिस्तान: 103वां स्थान (31 देश)
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत का पासपोर्ट क्षेत्रीय दृष्टिकोण से फिर भी अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है।
शीर्ष स्थान और वैश्विक रुझान
- सिंगापुर ने एक बार फिर सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट का दर्जा हासिल किया है, जिससे उसके नागरिक 193 देशों में वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं।
- दक्षिण कोरिया और जापान दूसरे स्थान पर हैं, जो एशिया की बढ़ती कूटनीतिक ताकत को दर्शाता है।
- जर्मनी, इटली, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड जैसे यूरोपीय देश भी शीर्ष 10 में बने हुए हैं।
अमेरिका की गिरती रैंकिंग
अमेरिका, जो एक समय दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट रखता था (2014 में नंबर 1), अब 12वें स्थान पर आ गया है — दो दशकों में पहली बार शीर्ष 10 से बाहर। इसके पीछे का कारण:
- अमेरिका केवल 46 देशों को वीज़ा-मुक्त प्रवेश देता है, जबकि अमेरिकी नागरिक 180 देशों में जा सकते हैं।
- यह असमानता ‘पारस्परिक वीज़ा नीतियों’ में बदलाव ला रही है। जैसे ब्राज़ील, वियतनाम और चीन ने अमेरिका के खिलाफ वीज़ा नीतियाँ सख्त की हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- हेनली पासपोर्ट इंडेक्स की शुरुआत 2005 में हुई थी।
- भारत की 2025 रैंकिंग: 85वां स्थान, कुल 57 वीज़ा-मुक्त देश।
- 2024 रैंकिंग: 80वां स्थान, 59 देश।
- सबसे कमजोर पासपोर्ट: अफगानिस्तान (सिर्फ 24 देशों में वीज़ा-मुक्त यात्रा)।