2025 फॉरेस्ट डिक्लेरेशन असेसमेंट: जंगलों की हालत गंभीर, 2030 के लक्ष्यों से विश्व भटका

2025 फॉरेस्ट डिक्लेरेशन असेसमेंट रिपोर्ट ने वैश्विक वन संरक्षण प्रयासों की गंभीर स्थिति उजागर की है। रिपोर्ट के अनुसार, विश्व भर के जंगलों की सेहत निरंतर गिर रही है और अधिकांश देश 2030 तक वनों की कटाई रोकने और उसे उलटने के अपने वादों से काफी पीछे हैं। यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब वनों के संरक्षण के लिए घोषित ‘दशक’ का मध्य बिंदु 2025 था।
जंगलों की कटाई में वृद्धि और लक्ष्यों से विचलन
रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2024 में विश्व ने 8.1 मिलियन हेक्टेयर वन भूमि खो दी, जो तय वार्षिक लक्ष्य 5 मिलियन हेक्टेयर से कहीं अधिक है। यह आंकड़ा उन वादों के विरुद्ध है जो 2014 की न्यूयॉर्क डिक्लेरेशन, 2021 की ग्लासगो घोषणा और 2023 के पहले ग्लोबल स्टॉकटेक के दौरान किए गए थे। इन घोषणाओं में 2030 तक वनों की कटाई को समाप्त करने और 30% क्षतिग्रस्त पारिस्थितिक तंत्र को पुनर्स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था।
विशेष चिंता की बात यह है कि 2024 में 6.7 मिलियन हेक्टेयर आद्र्र उष्णकटिबंधीय प्राथमिक वन नष्ट हुए, जिससे 3.1 बिलियन मीट्रिक टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन हुआ — जो अमेरिका के ऊर्जा क्षेत्र की वार्षिक उत्सर्जन क्षमता से 150% अधिक है।
वनों के क्षरण की बढ़ती समस्या
वन क्षरण (डिग्रेडेशन) भी तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2024 में 8.8 मिलियन हेक्टेयर उष्णकटिबंधीय नम वन क्षतिग्रस्त हुए, जो 2030 तक क्षरण रोकने के लक्ष्य से 235% अधिक है। अमेज़न बेसिन इस दृष्टि से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां आग से होने वाला क्षरण मुख्य कारक रहा। अकेले जंगलों की आग से 2024 में 791 मिलियन मीट्रिक टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन हुआ, जो जर्मनी जैसे देश की औद्योगिक उत्सर्जन से अधिक है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- वैश्विक स्तर पर 2024 में 8.1 मिलियन हेक्टेयर वन नष्ट हुए, जबकि वार्षिक लक्ष्य 5 मिलियन हेक्टेयर था।
- 6.7 मिलियन हेक्टेयर उष्णकटिबंधीय प्राथमिक वन की हानि से 3.1 बिलियन मीट्रिक टन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जित हुई।
- वर्ष 2024 में वनों की आग से 791 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन हुआ।
- वैश्विक खानें (mines) में से 77% जैव विविधता वाले क्षेत्रों (Key Biodiversity Areas) से 50 किमी के दायरे में स्थित हैं।