2025 की पहली छमाही में भारत की सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि, उत्सर्जन में भारी गिरावट

2025 की पहली छमाही में भारत की सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि, उत्सर्जन में भारी गिरावट

भारत ने 2025 की पहली छमाही में सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वैश्विक ऊर्जा थिंक टैंक एंबर (Ember) की रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान बिजली क्षेत्र से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में 24 मिलियन टन की कमी दर्ज की गई है। यह उपलब्धि मुख्य रूप से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के तेजी से विस्तार के कारण संभव हो सकी है, जिससे कोयले और गैस पर निर्भरता में कमी आई है।

सौर और पवन ऊर्जा में जबरदस्त उछाल

जनवरी से जून 2025 के बीच सौर ऊर्जा उत्पादन में 17 टेरावॉट-घंटे (TWh) की वृद्धि हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25% अधिक है। इसके साथ ही सौर ऊर्जा का कुल बिजली उत्पादन में हिस्सा 7.4% से बढ़कर 9.2% हो गया है।
वहीं पवन ऊर्जा में 11 TWh या 29% की वृद्धि देखी गई, जबकि पिछले वर्ष इसमें लगभग कोई वृद्धि नहीं हुई थी। अब पवन ऊर्जा भारत की कुल बिजली उत्पादन का 5.1% हिस्सा बनाती है, जो पहले 4% था।

अन्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की भूमिका

सौर और पवन ऊर्जा के अलावा, अन्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। परमाणु ऊर्जा में 14% और जलविद्युत में 17% की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की गिरावट के बाद वापसी को दर्शाती है।
इस समग्र वृद्धि के परिणामस्वरूप, कोयले से बिजली उत्पादन में 22 TWh (3.1%) और गैस-आधारित उत्पादन में 34% की गिरावट आई। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में बड़ी कटौती हुई।

मांग में सुस्ती और जलवायु का प्रभाव

2025 की पहली छमाही में बिजली की मांग में केवल 1.3% की वृद्धि हुई, जो कोविड-19 महामारी के बाद सबसे धीमी वृद्धि है। इसकी मुख्य वजह रही हल्का मौसम और औद्योगिक गतिविधियों में मंदी।
एयर कंडीशनर, जो भारत की लगभग 20% बिजली खपत करते हैं, का उपयोग भी कम हुआ, जिससे शीतलन मांग (cooling demand) घट गई। एंबर का अनुमान है कि यदि तापमान पिछले वर्ष जितना गर्म होता, तो मांग लगभग 3.5% बढ़ सकती थी, लेकिन तब भी स्वच्छ ऊर्जा की वृद्धि मांग से अधिक ही होती।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • एंबर (Ember) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो ऊर्जा क्षेत्र में नवीकरणीय स्रोतों की प्रगति और उत्सर्जन पर निगरानी रखता है।
  • भारत सौर ऊर्जा उत्पादन में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल है, और इसका लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा क्षमता हासिल करना है।
  • भारत की कुल बिजली खपत में कोयले की हिस्सेदारी अब घट रही है, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है।
  • एयर कंडीशनर भारत की कुल विद्युत क्षमता का लगभग एक-पाँचवां हिस्सा उपयोग करते हैं, जिससे शीतलन मांग ऊर्जा नीति में अहम भूमिका निभाती है।
Originally written on October 10, 2025 and last modified on October 10, 2025.

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