2024 में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर अब तक का सर्वाधिक: संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र की मौसम और जलवायु एजेंसी ने हाल ही में चेतावनी दी है कि 2024 में वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की मात्रा में अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ल्ड मेटेरोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन (WMO) की रिपोर्ट के अनुसार, CO2, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड – तीनों प्रमुख ग्रीनहाउस गैसों – के स्तर नए रिकॉर्ड पर पहुंच चुके हैं, जिससे वैश्विक जलवायु संकट की गंभीरता और भी बढ़ गई है।
रिकॉर्ड वृद्धि और उसके कारण
WMO की 21वीं वार्षिक ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन के अनुसार, 2024 में:
- CO2 स्तर 424 भाग प्रति मिलियन (ppm) तक पहुंच गया।
- मीथेन का स्तर 1,942 भाग प्रति बिलियन (ppb) दर्ज हुआ।
- नाइट्रस ऑक्साइड 338 ppb तक बढ़ गया।
यह पूर्व-औद्योगिक युग (1750 से पहले) की तुलना में क्रमशः 152%, 266% और 125% की वृद्धि है। सिर्फ CO2 ने ही जलवायु परिवर्तन पर 66% प्रभाव डाला है।
2023 से 2024 के बीच CO2 का स्तर 3.5 ppm बढ़ा, जो 1957 में आधुनिक मापन की शुरुआत के बाद सबसे बड़ा वार्षिक उछाल है। इस वृद्धि के लिए जीवाश्म ईंधनों का लगातार उपयोग, जंगलों की आग से उत्पन्न उत्सर्जन, और भूमि एवं समुद्र द्वारा CO2 अवशोषण की घटती क्षमता को जिम्मेदार ठहराया गया है।
जलवायु प्रतिक्रिया चक्र: एक खतरनाक संकेत
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पृथ्वी अब एक खतरनाक जलवायु प्रतिक्रिया चक्र (feedback loop) में प्रवेश कर सकती है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ती हैं, जिससे अधिक CO2 उत्सर्जित होती है। वहीं, गर्म समुद्र वायुमंडल से CO2 को उतनी कुशलता से अवशोषित नहीं कर पाते।
WMO की वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ऑक्साना टारासोवा ने चेतावनी दी कि यदि यह चक्र नहीं रुका, तो पर्माफ्रॉस्ट का पिघलना जैसी घटनाएं एक डोमिनो प्रभाव शुरू कर सकती हैं, जिससे और अधिक ग्रीनहाउस गैसें वातावरण में आ सकती हैं।
जलवायु कार्रवाई की दिशा में अपील
रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए “मानव-जनित CO2 उत्सर्जन को शून्य करने की दिशा में तत्काल प्रयास” आवश्यक हैं। यह बयान नवंबर 2025 में ब्राज़ील के बेलेम में होने वाले COP30 जलवायु सम्मेलन से पहले आया है, जो वैश्विक नीति निर्धारण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर होगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- CO2 पहली बार 2004 में 377 ppm दर्ज किया गया था, जो अब 424 ppm हो गया है।
- मीथेन, जो केवल 10 वर्षों तक वातावरण में रहता है, CO2 की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है।
- मानवजनित मीथेन उत्सर्जन का 60% हिस्सा कृषि और अपशिष्ट प्रबंधन से आता है।
- नाइट्रस ऑक्साइड मुख्यतः कृषि भूमि पर अत्यधिक नाइट्रोजन उर्वरकों के उपयोग से उत्पन्न होता है।