‘2020 India Lightning Report’ जारी की गयी
2019 की तुलना में पिछले साल भारत में आसमानी बिजली गिरने में 22.6% की वृद्धि हुई थी। इसका खुलासा अर्थ नेटवर्क्स के ‘2020 India Lightning Report’ में किया गया है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में सबसे अधिक आसमानी बिजली की घटनाएँ हुई।
- कंपनी के Total Lightning Network द्वारा पिछले साल भारत में 39.5 मिलियन से अधिक पल्सेस का पता लगाया गया था। इनमें से 12,022,402 खतरनाक क्लाउड-टू-ग्राउंड स्ट्राइक्स थीं।
- भारत में, 7,447 खतरनाक आंधी अलर्ट जारी किए गए थे और उनमें से अधिकांश तमिलनाडु राज्य में थे।
- वर्ष 2020 में, भारत में मानसून के मौसम के कारण मई, जून और सितंबर के महीनों में बिजली की सबसे अधिक सांद्रता देखी गई।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, बिजली गिरने और भीषण मौसम के खतरे भारत की आबादी के लिए एक बड़ा खतरा हैं।
- भूमध्य रेखा और हिंद महासागर से देश की निकटता के कारण, भारत अत्यधिक मात्रा में नमी और गर्मी का अनुभव करता है जो पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में अचानक और तेज आंधी में योगदान देता है।
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि वर्ष 2001 से भारत में हर साल 2,360 लोग बिजली गिरने से मरते हैं।
Originally written on
July 20, 2021
and last modified on
July 20, 2021.