2020-21 के लिए राजकोषीय घाटे के जीडीपी के 9.5% पर रहने का अनुमान लगाया गया

2020-21 के लिए राजकोषीय घाटे के जीडीपी के 9.5% पर रहने का अनुमान लगाया गया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-22 के भाषण के दौरान कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

मुख्य बिंदु

  • वित्त मंत्री के अनुसार, 2020-21 में राजकोषीय घाटे के 5% तक बढ़ने का अनुमान है।
  • यह इस वित्तीय वर्ष के दौरान COVID -19 के प्रकोप पर होने वाले व्यय में वृद्धि होगी।
  • राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था का अनुमानित संकुचन 7% है।
  • वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए, सरकार ने पहले 5% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया था।
  • वित्त मंत्री ने लोकसभा में बजट 2021-22 प्रस्तुत करते हुए कहा, सरकार का वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5% से नीचे लाने का लक्ष्य है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के बचे हुए 2 महीनों के दौरान 80,000 करोड़ रुपये उधार लेने की योजना बना रही है।

राजकोषीय घाटा क्या है? (What is a fiscal deficit?)

राजकोषीय घाटा सरकारी व्यय और राजस्व के बीच का अंतर है। जब सरकार का व्यय एक वर्ष में अपने राजस्व से अधिक हो जाता है, तो स्थिति राजकोषीय घाटा है। इसकी गणना जीडीपी के प्रतिशत के रूप में की जाती है।

Originally written on February 2, 2021 and last modified on February 2, 2021.

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