18 दिसम्बर : अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस (International Migrants Day)

18 दिसम्बर : अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस (International Migrants Day)

प्रतिवर्ष 18 दिसम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 दिसम्बर 2000 को प्रस्ताव 55/93 को पारित करके की थी। इसका उद्देश्य प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

मुख्य बिंदु                     

यह ऐसा पहला समझौता है जिसमे अंतर्राष्ट्रीय प्रवास से सम्बंधित सभी पहलुओं पर सभी देशों ने चर्चा करके हामी भरी है। हालांकि अमेरिका इसमें शामिल नहीं है। इसमें प्रवास सम्बन्धी समस्याओं से निपटने के लिए 23 उद्देश्य निश्चित किये गए हैं।

पृष्ठभूमि

वर्तमान में विश्व भर में लगभग 25 करोड़ से अधिक प्रवासी हैं, वे विश्व की कुल जनसँख्या का 3% हिस्सा हैं। परन्तु वैश्विक सकल घरेलु उत्पाद में उनका योगदान 10% है। इससे उनके मूल देश के विकास में भी काफी वृद्धि होती है। इस समझौते की शुरुआत 2017 में ही शुरू हो गयी थी जब संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने ‘New York Declaration for Refugees and Migrants’ पर सहमती प्रकट की थी।

भारत में प्रवास

COVID-19 संकट के साथ, भारत में प्रवासन बढ़ गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार, प्रवासियों की संख्या 45.6 करोड़ थी। यह देश की आबादी का लगभग 38% है। 2001 में, प्रवासी आबादी 31.5 करोड़ थी। 2001 और 2011 के बीच प्रवासी आबादी में 18% की वृद्धि हुई है।

भारत में, अंतर-राज्य प्रवास के प्रमुख कारण विवाह है। पुरुषों की तुलना में महिला प्रवास अधिक है। 39% पुरुषों की तुलना में 83% महिलाएं विवाह के कारण इससे ज्यादा प्रभावित हैं।

Originally written on December 19, 2022 and last modified on December 19, 2022.

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