13 अप्रैल  : जलियांवाला बाग नरसंहार की 102वीं वर्षगांठ

13 अप्रैल  : जलियांवाला बाग नरसंहार की 102वीं वर्षगांठ

13 अप्रैल, 2021 को जलियांवाला बाग नरसंहार की वर्षगांठ के रूप में चिह्नित किया जा रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने महान शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

जलियांवाला बाग हत्याकांड (Jallianwala Bagh Massacre)

13 अप्रैल, 1919 क (बैसाखी के दिन), अमृतसर के जलियांवाला बाग में, एक शांतिपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। जनरल डायर ने हजारों लोगों की भीड़ पर गोलियां चलाने का आदेश दिया, जिसमे बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गये थे। लोग पार्क में रोलेट एक्ट के विरोध में एकत्र हुए थे।

इस नरसंहार के लिए जनरल डायर को ब्रिटिश संसद द्वारा सम्मानित किया गया था। इसने महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर सहित कई नेताओं को परेशान किया और इसके बाद मुक्ति संघर्ष की तीव्र शुरुआत की।

रौलट एक्ट (Rowlatt Act)

इस अधिनियम ने ब्रिटिश सरकार को किसी भी व्यक्ति को अधिकतम 2 साल तक आतंक के संदेह में कैद करने का अधिकार दिया था। 3 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के साथ शीघ्र परीक्षणों के लिए एक पैनल स्थापित किया गया था। इस पैनल के ऊपर अपील की कोई अदालत नहीं थी। इस अधिनियम ने प्रेस पर गंभीर प्रतिबंध भी लगा दिए थे।

Originally written on April 13, 2021 and last modified on April 13, 2021.

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