12,000 वर्षों बाद इथियोपिया का हायली गुब्बी ज्वालामुखी फटा
इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित हायली गुब्बी (Hayli Gubbi) ज्वालामुखी ने लगभग 12,000 वर्षों की निष्क्रियता के बाद 23 नवंबर 2025 को विस्फोट किया। इस दुर्लभ ज्वालामुखी गतिविधि ने पूरे क्षेत्र और वैज्ञानिक समुदाय का ध्यान आकर्षित कर लिया है। विस्फोट के दौरान ज्वालामुखी से उठे घने राख के गुबार 14 किलोमीटर तक ऊँचाई पर पहुँच गए, जिसके चलते क्षेत्रीय निगरानी केंद्रों और विमानन प्राधिकरणों ने तत्काल चेतावनी जारी की।
होलोसीन काल के बाद पहली ज्ञात ज्वालामुखीय गतिविधि
हायली गुब्बी ज्वालामुखी अदीस अबाबा से लगभग 800 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, इरिट्रिया सीमा के निकट स्थित है। यह क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से अत्यंत सक्रिय रिफ्ट वैली (Rift Valley) का हिस्सा है। वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि यह ज्वालामुखी पूरे होलोसीन काल (पिछले लगभग 11,700 वर्षों) में कभी सक्रिय नहीं रहा, जिससे यह विस्फोट अत्यंत असाधारण घटना बन गया है। विस्फोट कई घंटों तक जारी रहा और इससे उठी राख के गुबार सैकड़ों किलोमीटर तक फैल गए।
कई देशों तक पहुँची राख की परत
टूलूज़ वॉल्केनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर (Toulouse VAAC) की रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट से निकली राख यमन, ओमान, भारत और उत्तरी पाकिस्तान तक पहुँच गई। सैटेलाइट चित्रों में ज्वालामुखी के ऊपर से उठते घने राख के स्तंभ स्पष्ट दिखाई दिए। अफार क्षेत्र के आसपास बसे गाँवों में भारी राख जमने की सूचना मिली है, हालांकि अब तक किसी जनहानि या विस्थापन की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
वैज्ञानिक पुष्टि और वैश्विक निगरानी
विश्व के प्रमुख ज्वालामुखी वैज्ञानिक साइमन कार्न (Michigan Technological University) सहित कई विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि हायली गुब्बी ज्वालामुखी हजारों वर्षों से निष्क्रिय था। स्मिथसोनियन संस्थान के ग्लोबल वॉल्केनिज़्म प्रोग्राम ने भी इस तथ्य की पुनर्पुष्टि की है कि होलोसीन युग में इस ज्वालामुखी का कोई दर्ज रिकॉर्ड नहीं है। इस पुनः सक्रियता ने अफार क्षेत्र की भूगर्भीय स्थिति पर नए अध्ययन की संभावनाएँ खोल दी हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- हायली गुब्बी ज्वालामुखी का विस्फोट 23 नवंबर 2025 को हुआ।
- यह विस्फोट लगभग 12,000 वर्षों बाद हुआ है।
- राख के गुबार 14 किलोमीटर ऊँचाई तक पहुँचे।
- राख का फैलाव यमन, ओमान, भारत और उत्तरी पाकिस्तान तक दर्ज किया गया।
- यह ज्वालामुखी अफार क्षेत्र में रिफ्ट वैली के भीतर स्थित है।
क्षेत्रीय प्रभाव और निरंतर निगरानी
वर्तमान में इथियोपिया की आपदा प्रबंधन एजेंसियाँ और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्थाएँ इस ज्वालामुखीय गतिविधि की निगरानी कर रही हैं। वायु मार्गों पर संभावित प्रभावों को देखते हुए पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया के कई हिस्सों में हवाई परिचालन की समीक्षा की जा रही है। आगामी दिनों में नई चेतावनियाँ और दिशानिर्देश जारी होने की संभावना है, ताकि नागरिकों और विमानन सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।