10 वर्षों में कैसे बदली PMJDY ने भारत की वित्तीय तस्वीर: समावेशिता से सशक्तिकरण तक

10 वर्षों में कैसे बदली PMJDY ने भारत की वित्तीय तस्वीर: समावेशिता से सशक्तिकरण तक

28 अगस्त 2014 को शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) ने भारत में वित्तीय समावेशन की एक नई क्रांति की शुरुआत की। इसका उद्देश्य था – प्रत्येक परिवार, विशेषकर हाशिए पर खड़े वर्गों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाना, ताकि वे औपचारिक वित्तीय प्रणाली का हिस्सा बन सकें। आज, यह दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन कार्यक्रम बन चुका है।

योजना की उपलब्धियाँ और विस्तार

प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत से पहले देश के केवल 59% परिवारों और 35% वयस्कों के पास बैंक खाता था। आज लगभग 100% परिवार और 90% से अधिक वयस्क बैंक खाताधारी बन चुके हैं।

  • अब तक 56.2 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें से

    • 37.5 करोड़ खाते ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में
    • 18.7 करोड़ खाते शहरी क्षेत्रों में हैं
  • महिलाओं के नाम पर 56% खाते हैं, जिससे योजना की लैंगिक समावेशिता भी प्रमाणित होती है।
  • खातों में कुल जमा राशि ₹2.68 लाख करोड़ तक पहुंच चुकी है (2015 की तुलना में 17 गुना वृद्धि)।

इन खातों से अब केवल सब्सिडी ही नहीं, बल्कि बचत, बीमा, पेंशन और निवेश जैसे कार्य भी हो रहे हैं।

योजनाएं जो PMJDY से जुड़कर बनीं असरदार

  • डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT): सब्सिडी सीधे खातों में पहुंच रही है।
  • जन सुरक्षा योजनाएं:

    • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY): ₹2 लाख जीवन बीमा
    • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY): ₹2 लाख दुर्घटना बीमा
  • RuPay कार्ड: 38.7 करोड़ से अधिक कार्ड जारी, जिनके माध्यम से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिला।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • शुरुआत: 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा
  • लक्ष्य: बैंकिंग, क्रेडिट, बीमा, पेंशन जैसी सेवाओं तक सस्ती पहुंच
  • खाता खोलने की पात्रता: भारतीय नागरिक, उम्र 18–59 वर्ष
  • जीरो बैलेंस खाता: बिना न्यूनतम राशि के खाता खोलने की सुविधा
  • ओवरड्राफ्ट सुविधा: ₹10,000 तक, और 6 महीने के नियमित संचालन के बाद ₹5,000 अतिरिक्त
  • बैंक मित्र: 16.2 लाख से अधिक बैंक मित्र दूरदराज क्षेत्रों में सेवा दे रहे हैं
  • बैंकिंग कवरेज: 99.9% गांवों में 5 किमी के दायरे में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध

डिजिटल भारत और PMJDY

UPI और डिजिटल ट्रांजैक्शन की सफलता में PMJDY का बड़ा योगदान रहा है। अब, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वॉइस-बेस्ड लेनदेन जैसी तकनीकें गैर-स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए भी बैंकिंग को आसान बना रही हैं।

वर्तमान फोकस और भविष्य की दिशा

अब योजना का ध्यान केवल खाता खोलने पर नहीं, बल्कि खातों को सक्रिय और उपयोगी बनाने पर है। इसके लिए:

  • KYC अपडेट कैंप लगाए जा रहे हैं
  • सूक्ष्म बीमा और पेंशन योजनाएं प्रचारित की जा रही हैं
  • निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के प्रयास हो रहे हैं
  • 2024-25 का लक्ष्य: अतिरिक्त 3 करोड़ खाते खोलना

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री जन धन योजना सिर्फ एक बैंकिंग योजना नहीं, बल्कि एक सशक्तिकरण अभियान है जिसने भारत के करोड़ों नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और सम्मान का आधार दिया है। यह वैश्विक मंच पर भारत का ऐसा मॉडल है, जो दिखाता है कि समावेशी शासन कैसे जमीनी बदलाव ला सकता है।

Originally written on August 28, 2025 and last modified on August 28, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *