10 वर्षीय बोधना शिवानंदन ने जीता यूके विमेंस ब्लिट्ज चेस चैम्पियनशिप
भारतीय मूल की ब्रिटिश बाल शतरंज खिलाड़ी बोधना शिवानंदन ने यूनाइटेड किंगडम विमेंस ब्लिट्ज शतरंज चैम्पियनशिप 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया। इंग्लैंड के लीमिंगटन स्पा में आयोजित इस प्रतियोगिता में बोधना ने 15 में से 13.5 अंक हासिल कर महिला वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उनकी जीत ने न केवल प्रतियोगिता में अनुभवी खिलाड़ियों को चकित किया बल्कि यह भी साबित किया कि नई पीढ़ी का शतरंज कौशल कितना प्रभावशाली है।
प्रतिस्पर्धी खिलाड़ियों के बीच अद्भुत जीत
बोधना का यह प्रदर्शन अत्यंत प्रतिस्पर्धी मैदान में आया, जहाँ उन्होंने कई अनुभवी प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ दिया। इनमें पूर्व चैम्पियन एलमिरा मिर्जोएवा भी शामिल थीं। निर्णायक दौर में मिर्जोएवा की एक छोटी-सी प्यादे की गलती ने बोधना को महत्वपूर्ण बढ़त दिला दी, जिसके बाद उन्होंने खिताब तक का सफर बिना किसी चुनौती के पूरा किया। इस प्रदर्शन से उन्होंने वरिष्ठ खिलाड़ियों के बीच अपनी अलग पहचान बना ली और अपनी सामरिक (tactical) समझ का उत्कृष्ट परिचय दिया।
उभरती हुई शतरंज सितारा
सिर्फ दस वर्ष की उम्र में बोधना ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ अपने नाम की हैं। कुछ समय पहले उन्होंने ग्रीस में आयोजित यूरोपीय क्लब कप में पूर्व विश्व चैम्पियन मरिया मुजिचुक को हराकर सनसनी मचा दी थी। इसके पहले, ब्रिटिश चेस चैम्पियनशिप में उन्होंने ग्रैंडमास्टर पीटर वेल्स को हराकर सबसे कम उम्र की महिला बनीं, जिसने किसी ग्रैंडमास्टर को पराजित किया। इसी जीत के साथ उन्होंने महिला ग्रैंडमास्टर (WGM) नॉर्म भी हासिल किया।
लॉकडाउन से लेकर रिकॉर्ड तक का सफर
बोधना का जन्म 2015 में लंदन में हुआ था। उनके माता-पिता का मूल स्थान तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु) है। उन्होंने शतरंज खेलना कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान शुरू किया और बहुत कम समय में इस खेल में उल्लेखनीय प्रगति की। वर्ष 2024 में उन्होंने हंगरी में आयोजित शतरंज ओलंपियाड में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया, जिससे वे किसी भी खेल में इंग्लैंड की ओर से खेलने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- बोधना ने यूके विमेंस ब्लिट्ज चैम्पियनशिप 2025 में 13.5/15 अंक हासिल किए।
- वे ग्रैंडमास्टर पीटर वेल्स को हराने वाली सबसे कम उम्र की महिला खिलाड़ी बनीं।
- उन्होंने पूर्व विश्व चैम्पियन मरिया मुजिचुक को हराकर WGM नॉर्म प्राप्त किया।
- वर्ष 2024 में, उन्होंने हंगरी शतरंज ओलंपियाड में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया।
नई पीढ़ी की प्रेरणादायक चेस स्टार
बोधना शिवानंदन की उपलब्धियाँ न केवल ब्रिटिश शतरंज जगत के लिए गौरव का विषय हैं, बल्कि यह विश्व स्तर पर उभरती युवा प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी सफलता यह दर्शाती है कि समर्पण, रणनीतिक सोच और निरंतर अभ्यास से कोई भी आयु सीमा प्रतिभा के सामने बाधा नहीं बन सकती। आने वाले वर्षों में बोधना को इंग्लैंड और अंतरराष्ट्रीय शतरंज मंच दोनों पर एक प्रमुख चेहरा माना जा रहा है।