10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का भव्य आयोजन: “जन और पृथ्वी के लिए आयुर्वेद” की थीम पर वैश्विक दृष्टिकोण

10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का भव्य आयोजन: “जन और पृथ्वी के लिए आयुर्वेद” की थीम पर वैश्विक दृष्टिकोण

22 सितंबर 2025 को आयुष मंत्रालय द्वारा गोवा स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) में 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर गोवा के राज्यपाल श्री अशोक गजपति राजू, मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव, और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपाद नाईक समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। यह आयोजन भारत सरकार की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को वैश्विक मंच पर अग्रणी बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध हुआ।

आयुर्वेद: राष्ट्रीय से वैश्विक आंदोलन

राज्यपाल श्री अशोक गजपति राजू ने अपने संबोधन में बताया कि बीते दशक में आयुर्वेद दिवस एक राष्ट्रीय स्तर की पहल से वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन बन गया है, जिसे अब 150 से अधिक देशों में मनाया जा रहा है। उन्होंने इस वर्ष की थीम “जन और पृथ्वी के लिए आयुर्वेद” को संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप बताते हुए इसकी सामयिकता की सराहना की।
उन्होंने डिजिटल माध्यमों जैसे NAMASTE पोर्टल और Ayush HMIS के माध्यम से आयुर्वेद को आधुनिक स्वास्थ्य सेवा में एकीकृत करने के प्रयासों को रेखांकित किया। गोवा की जैव विविधता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आयुर्वेद आधारित वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने की अपार संभावनाओं की भी चर्चा की।

समकालीन चुनौतियों के लिए आयुर्वेदिक समाधान

मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने अपने भाषण में मोटापा, मधुमेह, तनाव जैसी जीवनशैली संबंधी बीमारियों से निपटने में आयुर्वेद की प्रासंगिकता पर बल दिया। उन्होंने दिनचर्या और ऋतुचर्या जैसे परंपरागत सिद्धांतों को सतत और प्रभावी निवारक स्वास्थ्य मॉडल बताया।
डॉ. सावंत ने गोवा की जैव विविधता, विशेष रूप से पश्चिमी घाट और तटीय पारिस्थितिक तंत्र में पाई जाने वाली औषधीय वनस्पतियों की उपयोगिता पर जोर दिया और उनके अनुसंधान, संरक्षण और वाणिज्यिक खेती को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई।

शोध, डेटा और नवाचार की दिशा में नई पहलें

आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आयुर्वेद को संतुलन, प्रकृति और स्वास्थ्य का प्रतीक बताते हुए बताया कि अब से 23 सितंबर को प्रतिवर्ष आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जो शरद विषुव (Autumnal Equinox) के साथ जुड़ा है। उन्होंने पिछले वर्ष शुरू किए गए “देश का स्वास्थ्य परीक्षण अभियान” की सफलता साझा की, जिसमें 1.29 करोड़ नागरिकों ने भाग लिया और 5 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाए गए।
इस अभियान ने डेटा-आधारित आयुर्वेद अनुसंधान के एक नए युग की शुरुआत की है, जिससे भविष्य में पूर्वानुमानात्मक, निवारक और व्यक्तिगत स्वास्थ्य देखभाल का विकास संभव होगा।

आधुनिक चिकित्सा के साथ समेकन

श्री श्रीपाद नाईक ने कहा कि आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा का समेकन समय की आवश्यकता है। उन्होंने गैर-संचारी रोगों, मानसिक स्वास्थ्य, और पारिस्थितिक संकटों की पृष्ठभूमि में आयुर्वेद की भूमिका को प्रभावशाली बताया। AIIA गोवा और टाटा मेमोरियल सेंटर के सहयोग से स्थापित इंटीग्रेटिव ऑन्कोलॉजी यूनिट को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया, जहाँ कैंसर के उपचार में आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों की भूमिका सुनिश्चित की जाएगी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस हर वर्ष 23 सितंबर को मनाया जाता है, जो अब स्थायी तिथि घोषित की गई है।
  • AIIA (All India Institute of Ayurveda) का एक नया परिसर गोवा में स्थापित हुआ है, जिसमें अनुसंधान और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है।
  • DRAVYA पोर्टल एक डिजिटल मंच है, जिसमें आयुर्वेदिक औषधियों की जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
  • देश का स्वास्थ्य परीक्षण अभियान” में 1.29 करोड़ लोगों ने भाग लिया और यह 5 विश्व रिकॉर्डों के साथ संपन्न हुआ।
Originally written on September 24, 2025 and last modified on September 24, 2025.

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