₹6,405 करोड़ की दो बहुप्रतीक्षित रेलवे परियोजनाएं मंजूर: झारखंड, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में रेल कनेक्टिविटी को मिलेगा बड़ा बढ़ावा

₹6,405 करोड़ की दो बहुप्रतीक्षित रेलवे परियोजनाएं मंजूर: झारखंड, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में रेल कनेक्टिविटी को मिलेगा बड़ा बढ़ावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने 11 जून 2025 को भारतीय रेलवे की दो महत्वपूर्ण मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं का कुल अनुमानित खर्च ₹6,405 करोड़ है, जो देश के तीन प्रमुख राज्यों—झारखंड, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश—की रेल संरचना को सुदृढ़ करने में सहायक होंगी।

कौन-कौन सी परियोजनाएं शामिल हैं?

  1. कोडरमा–बरकाकाना दोहरीकरण परियोजना (133 किलोमीटर):

    • यह परियोजना झारखंड के कोयला उत्पादक क्षेत्रों से होकर गुजरती है।
    • यह पटना और रांची के बीच सबसे छोटा और कुशल रेल मार्ग है।
  2. बल्लारी–चिक्जाजूर दोहरीकरण परियोजना (185 किलोमीटर):

    • यह लाइन कर्नाटक के बल्लारी और चित्रदुर्ग जिलों तथा आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले से होकर गुजरती है।
    • यह मार्ग मंगलूरु बंदरगाह से संपर्क बढ़ाएगा।

परियोजनाओं का सामूहिक लाभ

दोनों परियोजनाओं की कुल लंबाई 318 किलोमीटर है और यह तीन राज्यों के सात जिलों में फैली हैं। इनसे लगभग 1,408 गांवों और करीब 28.19 लाख जनसंख्या को सीधा लाभ मिलेगा।

  • ये परियोजनाएं कोयला, लोहा, इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन को बढ़ावा देंगी।
  • इससे हर वर्ष 49 मिलियन टन अतिरिक्त माल यातायात सम्भव होगा (30 MTPA कोडरमा-बरकाकाना से और 19 MTPA बल्लारी-चिक्जाजूर से)।
  • अनुमान के अनुसार, इससे 52 करोड़ लीटर तेल आयात में कमी आएगी और 264 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन भी घटेगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • यह परियोजनाएं PM गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत स्वीकृत की गई हैं।
  • इनका उद्देश्य मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के माध्यम से लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करना है।
  • दोनों परियोजनाएं तीन वर्षों में पूरी की जाएंगी।
  • परियोजनाएं रेलवे की संचालन दक्षता, सेवा विश्वसनीयता और भीड़भाड़ कम करने में सहायक होंगी।

इन मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं के माध्यम से न केवल भारतीय रेलवे का विस्तार होगा, बल्कि देश के आर्थिक ढांचे में लॉजिस्टिक्स लागत को घटाने और हरित परिवहन को प्रोत्साहन देने में भी अहम भूमिका निभाई जाएगी। यह कदम ‘विकसित भारत’ की दिशा में बुनियादी ढांचे के सशक्तिकरण का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

Originally written on June 12, 2025 and last modified on June 12, 2025.

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