₹1 लाख करोड़ आरडीआई फंड को मिली संस्थागत स्वीकृति: निजी क्षेत्र के नवाचार को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन

भारत सरकार द्वारा अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) को गति देने के लिए शुरू की गई ₹1 लाख करोड़ की महत्वाकांक्षी आरडीआई योजना अब लागू होने की दिशा में एक निर्णायक मोड़ पर पहुँच गई है। अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान (ANRF) की कार्यकारी परिषद ने इस योजना के तहत एक विशेष प्रयोजन निधि (Special Purpose Fund – SPF) की स्थापना, कार्यान्वयन दिशानिर्देशों तथा शासन ढांचे को औपचारिक मंजूरी दे दी है।
निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान तंत्र की ओर बढ़ता भारत
यह योजना उन ‘सनराइज डोमेन्स’ यानी नवोन्मेषशील और उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है, जहाँ भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की अपार संभावनाएँ हैं — जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, हरित प्रौद्योगिकी, जैवविज्ञान, और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग। योजना का उद्देश्य यह है कि अनुसंधान का नेतृत्व अब केवल सरकारी संस्थानों तक सीमित न रहकर निजी क्षेत्र की भागीदारी से हो।
दो-स्तरीय वित्तीय ढांचा: पारदर्शिता और विशेषज्ञता के साथ क्रियान्वयन
आरडीआई योजना को एक दो-स्तरीय वित्तीय मॉडल के माध्यम से संचालित किया जाएगा:
- प्रथम स्तर: ANRF के तहत ₹1 लाख करोड़ की विशेष प्रयोजन निधि (SPF) की स्थापना की जाएगी, जो पूरे फंड का संरक्षक होगा।
- द्वितीय स्तर: यह निधि सीधे उद्योगों या स्टार्टअप्स में निवेश नहीं करेगी, बल्कि वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs), विकास वित्त संस्थानों (DFIs), और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) जैसे दूसरे स्तर के फंड प्रबंधकों को पूंजी प्रदान करेगी।
निवेश के निर्णय स्वतंत्र निवेश समितियों द्वारा लिए जाएंगे, जिनमें वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक विशेषज्ञ होंगे, और जो सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त होकर कार्य करेंगे।
शासन व्यवस्था और वित्तीय नियम
DST (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग) द्वारा तैयार किए गए कार्यान्वयन दिशानिर्देश और विशेष वित्तीय नियमों को भी ANRF ने अनुमोदित किया है। ये नियम और दिशा-निर्देश वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों और व्यय विभाग की सहमति से बनाए गए हैं। इससे योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, गति और उत्तरदायित्व सुनिश्चित होंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- आरडीआई फंड को 1 जुलाई 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई थी।
- DST योजना का नोडल मंत्रालय है और ANRF इसके तहत क्रियान्वयन संस्था के रूप में कार्य कर रही है।
- SPF (Special Purpose Fund) सीधे किसी स्टार्टअप में निवेश नहीं करेगा, बल्कि फंड मैनेजमेंट के माध्यम से पूंजी का प्रवाह सुनिश्चित करेगा।
- निवेश समिति का कार्य सरकारी तंत्र से स्वतंत्र रखा गया है ताकि व्यावसायिक दृष्टिकोण से निर्णय लिए जा सकें।