‘हॉर्टस मालाबारिकस’ से जुड़ी पाम प्रजाति में नई खोज: भारत को मिली Phoenix roxburghii नामक नई प्रजाति

17वीं सदी के विख्यात वनस्पति ग्रंथ हॉर्टस मालाबारिकस में वर्णित ‘कट्टू-इंडल’ नामक पाम वृक्ष ने आज, तीन शताब्दियों के बाद भी, वैज्ञानिकों की रुचि और शोध का केंद्र बना हुआ है। हाल ही में केरल के जवाहरलाल नेहरू ट्रॉपिकल बोटैनिक गार्डन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (JNTBGRI) और भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI) के वैज्ञानिकों की टीम ने इस वृक्ष से संबंधित एक नई प्रजाति की पहचान की है, जिसे Phoenix roxburghii नाम दिया गया है।

‘कट्टू-इंडल’ से Phoenix sylvestris तक

डच मलाबार के गवर्नर हेंड्रिक वान रीड द्वारा संकलित हॉर्टस मालाबारिकस में वर्णित ‘कट्टू-इंडल’ मूल रूप से केरल और श्रीलंका में पाई जाने वाली Phoenix sylvestris प्रजाति से संबंधित है। टीम ने पुष्टि की कि यही वही प्रजाति है जिसे वान रीड ने अपनी पुस्तक में वर्णित किया था। साथ ही, P. pusilla, P. farinifera, और P. zeylanica जैसी अन्य तीन प्रजातियों को अब Phoenix sylvestris के अंतर्गत पुनः वर्गीकृत किया गया है।

नई प्रजाति: Phoenix roxburghii

अध्ययन का प्रमुख निष्कर्ष यह था कि भारत के पूर्वी तट, बांग्लादेश, गुजरात, राजस्थान और पाकिस्तान में पाई जाने वाली पाम एक अलग प्रजाति है, जिसे पहले Phoenix sylvestris समझा जाता था। इस नई प्रजाति का नाम Phoenix roxburghii रखा गया है, जो भारतीय वनस्पति विज्ञान के जनक कहे जाने वाले विलियम रॉक्सबर्ग के सम्मान में है।
यह पेड़ 12 से 16 मीटर ऊंचा होता है, इसकी पत्तियाँ और पत्तियाँ आकार में बड़ी होती हैं, इसके फूलों में एक विशिष्ट गंध होती है, और इसके फल नारंगी-पीले व आकार में बड़े होते हैं।

खोज का आधार और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

19वीं सदी के वनस्पति विज्ञानी विलियम ग्रिफ़िथ ने यह देखा था कि हॉर्टस मालाबारिकस में वर्णित फल बंगाल में पाए जाने वाले फलों से आकार में छोटे और भिन्न होते हैं। इसी अवलोकन ने शोधकर्ताओं को पुनः अध्ययन के लिए प्रेरित किया।
हॉर्टस मालाबारिकस, 12 खंडों में प्रकाशित एक अमूल्य ग्रंथ है, जिसे मलयाली वैद्य इट्टी आचूदान की सहायता से तैयार किया गया था। इसे अंग्रेज़ी में के.एस. मणिलाल ने 35 वर्षों के शोध के बाद अनुवाद किया था।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • Phoenix roxburghii एक नई पाम प्रजाति है जो भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों में पाई गई है।
  • Phoenix sylvestris की पहचान अब केरल और श्रीलंका की स्थानीय प्रजाति के रूप में हुई है।
  • हॉर्टस मालाबारिकस एक ऐतिहासिक वनस्पति ग्रंथ है जिसे 17वीं सदी में डच गवर्नर वान रीड ने तैयार किया था।
  • विलियम रॉक्सबर्ग को ‘भारतीय वनस्पति विज्ञान का जनक’ माना जाता है।

यह खोज न केवल भारतीय वनस्पति विज्ञान के इतिहास को समृद्ध बनाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्राचीन ग्रंथों में वर्णित जानकारी आज भी आधुनिक विज्ञान में नए दृष्टिकोण और खोज का माध्यम बन सकती है। वनस्पति वैज्ञानिकों के लिए यह एक प्रेरणास्पद उदाहरण है कि कैसे ऐतिहासिक और आधुनिक विज्ञान का मेल एक नई पहचान को जन्म दे सकता है।

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