हैदराबाद में सैफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया केंद्र का शुभारंभ

हैदराबाद में सैफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया केंद्र का शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद में सैफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया (SAESI) सुविधा का उद्घाटन किया, जो भारत के उभरते विमानन पारिस्थितिकी तंत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर माना जा रहा है। यह पहली बार है जब कोई वैश्विक विमान इंजन निर्माता (OEM) भारत में अपना रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) केंद्र स्थापित कर रहा है। इस पहल से देश की घरेलू क्षमताएँ मजबूत होंगी और विदेशी MRO केंद्रों पर निर्भरता घटेगी।

SAESI MRO केंद्र का महत्व

हैदराबाद स्थित यह केंद्र विशेष रूप से LEAP इंजनों की सर्विसिंग के लिए बनाया गया है, जो एयरबस A320neo और बोइंग 737 MAX जैसे लोकप्रिय विमानों को शक्ति प्रदान करते हैं। यह केंद्र विश्व के सबसे बड़े LEAP इंजन MRO हब में से एक बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके संचालन से भारत वैश्विक विमानन आपूर्ति श्रृंखला का एक अहम भाग बन जाएगा और इंजन रखरखाव में दीर्घकालिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाएगा।

पैमाना, निवेश और कौशल विकास

यह अत्याधुनिक सुविधा हैदराबाद के GMR एयरोस्पेस एंड इंडस्ट्रियल पार्क-SEZ में 45,000 वर्गमीटर क्षेत्र में फैली हुई है। लगभग ₹1,300 करोड़ के प्रारंभिक निवेश से निर्मित इस परियोजना के 2035 तक पूरी तरह परिचालित होने पर प्रति वर्ष 300 इंजनों की सर्विसिंग क्षमता होगी। साथ ही, यह केंद्र 1,000 से अधिक उच्च प्रशिक्षित भारतीय तकनीशियनों और इंजीनियरों को रोजगार प्रदान करेगा। अत्याधुनिक मशीनरी और उन्नत गुणवत्ता मानकों के माध्यम से यह केंद्र विश्वस्तरीय इंजन मरम्मत सेवाएँ सुनिश्चित करेगा।

भारत के विमानन और MRO क्षेत्र को नई दिशा

यह परियोजना विदेशी मुद्रा के बहिर्वाह को कम करने, आपूर्ति श्रृंखला की मज़बूती बढ़ाने और उच्च कौशल आधारित रोजगार सृजन के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है। घरेलू स्तर पर विमान इंजन रखरखाव की क्षमता विकसित होने से भारत की तेजी से बढ़ती नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं को बेहतर समर्थन मिलेगा। सरकार की नीतियाँ जैसे राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति 2016, MRO गाइडलाइंस 2021 और GST सुधार 2024 पहले ही इस क्षेत्र के लिए व्यावसायिक माहौल को सुगम बना चुकी हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • SAESI केंद्र LEAP इंजनों की सर्विसिंग करता है, जो A320neo और B737 MAX विमानों में उपयोग होते हैं।
  • यह सुविधा हैदराबाद के GMR एयरोस्पेस पार्क में 45,000 वर्गमीटर क्षेत्र में फैली है।
  • परियोजना में लगभग ₹1,300 करोड़ का प्रारंभिक निवेश किया गया है।
  • 2035 तक यह केंद्र प्रतिवर्ष 300 इंजनों की सर्विसिंग और 1,000 विशेषज्ञ कर्मचारियों की नियुक्ति का लक्ष्य रखता है।

भारत को क्षेत्रीय विमानन हब बनाने की दिशा में

यह उद्घाटन भारत की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत देश को एक पूर्ण विकसित MRO पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। लगातार बढ़ते यात्री यातायात और एयरलाइनों की संख्या को देखते हुए भारत अब एक क्षेत्रीय विमानन हब बनने की दिशा में अग्रसर है। सैफ्रान का यह केंद्र देश में विश्वस्तरीय तकनीकी विशेषज्ञता को स्थापित कर इस परिवर्तन को और गति प्रदान करेगा।

Originally written on November 27, 2025 and last modified on November 27, 2025.

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