हैदराबाद में वित्तीय लेखा के लिए केंद्र उत्कृष्टता की स्थापना
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने हैदराबाद में वित्तीय लेखा के लिए ‘केंद्र उत्कृष्टता’ (Centre of Excellence for Financial Audit) स्थापित करने की घोषणा की है। यह कदम सार्वजनिक लेखा प्रणाली को आधुनिक तकनीकों, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और उन्नत विश्लेषणात्मक क्षमताओं के माध्यम से रूपांतरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
राष्ट्रीय लेखा नवाचार केंद्र की दिशा में कदम
यह केंद्र देशभर में वित्तीय लेखा अनुसंधान, प्रशिक्षण और पेशेवर विकास का राष्ट्रीय मंच बनेगा। इसका उद्देश्य लेखा प्रणाली को तकनीक-आधारित ढांचे में परिवर्तित करना है, जिससे सभी लेखा कार्यालयों में एकरूपता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। अधिकारियों के अनुसार, इस पहल से राजकोषीय जवाबदेही और वित्तीय पारदर्शिता को सुदृढ़ किया जाएगा।
डेटा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर विशेष जोर
हाल ही में आयोजित लेखा महानियंत्रकों के सम्मेलन में वरिष्ठ नेतृत्व ने लेखा कार्यों में डेटा-आधारित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। CAG के खातों के कार्यालयों को विशाल वित्तीय डेटा के भंडार के रूप में देखा गया है, जिससे पारंपरिक नमूना-आधारित जांच की जगह संपूर्ण डेटा विश्लेषण संभव हो सकेगा। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डिजिटल उपकरण इस परिवर्तन के मुख्य आधार होंगे, जिनसे लेखा प्रक्रिया अधिक सटीक और प्रभावी बनेगी।
संस्थागत ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा
नया केंद्र लेखा प्रक्रियाओं को मानकीकृत करने, विभिन्न लेखा इकाइयों के बीच समन्वय बढ़ाने और कार्यों के एकीकरण में सहायता करेगा। वाउचर-स्तर की जांच, डिजिटल स्वीकृति ट्रैकिंग जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग से CAG का उद्देश्य सटीकता बढ़ाना और प्रणालीगत खामियों को कम करना है। साथ ही, एक स्वदेशी भाषा मॉडल (Large Language Model) विकसित करने की योजना भी बनाई जा रही है, जिससे विश्लेषण और स्वचालन में नई गहराई आएगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- वित्तीय लेखा के लिए केंद्र उत्कृष्टता हैदराबाद में स्थापित किया जा रहा है।
- यह केंद्र नवाचार, अनुसंधान और पेशेवर प्रशिक्षण का केंद्र होगा।
- CAG कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा-आधारित लेखा प्रणाली अपनाने की दिशा में अग्रसर है।
- भविष्य में पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन (ESG) मानकों को भी लेखा प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
देश में सार्वजनिक क्षेत्र के लेखा और वित्तीय जवाबदेही का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, व्यापक वित्तीय डेटासेट और सतत विकास के मापदंडों को एकीकृत करके यह पहल न केवल लेखा प्रक्रिया की गुणवत्ता को बढ़ाएगी, बल्कि नीति निर्माण और सुशासन को भी अधिक प्रभावी बनाएगी। हैदराबाद स्थित यह केंद्र भविष्य में भारत की वित्तीय पारदर्शिता और लेखा नवाचार का नया प्रतीक बनेगा।