हेलिकॉप्टर बोमा तकनीक से किसानों को राहत: मध्यप्रदेश में काले हिरण और नीलगायों की पकड़ शुरू

हेलिकॉप्टर बोमा तकनीक से किसानों को राहत: मध्यप्रदेश में काले हिरण और नीलगायों की पकड़ शुरू

दीपावली का यह पर्व मध्यप्रदेश के किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है। खासकर राज्य के पश्चिमी जिलों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले काले हिरण (ब्लैकबक) और नीलगायों के आतंक से राहत की दिशा में एक अभिनव कदम उठाया गया है। राज्य के वन विभाग ने पहली बार हेलिकॉप्टर-सहायता प्राप्त बोमा तकनीक (Helicopter-driven Boma Technique) के माध्यम से इन जंगली प्राणियों को पकड़कर वन्यजीव अभयारण्यों और टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित करने का कार्य शुरू किया है।

शाजापुर से शुरू हुआ यह अनूठा प्रयोग

इस ऐतिहासिक प्रयास की शुरुआत शाजापुर जिले के कालापीपल क्षेत्र से हुई, जहां काले हिरणों और नीलगायों की आबादी अत्यधिक है और वे वर्षों से किसानों की फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस पहल के पहले दिन ही 45 काले हिरणों को सफलतापूर्वक पकड़कर मंदसौर-नीमच स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
गांधी सागर अभयारण्य अप्रैल 2025 में अफ्रीकी चीतों का दूसरा घर बना था और वहां पहले से ही 35 से अधिक तेंदुए भी मौजूद हैं। पकड़े गए हिरणों को अभयारण्य के उस हिस्से में छोड़ा गया है जहां न तो चीते हैं और न ही तेंदुए, ताकि उनकी आबादी पहले स्थिर की जा सके।

क्या है हेलिकॉप्टर बोमा तकनीक?

यह तकनीक मूलतः दक्षिण अफ्रीका से ली गई है, जहां इसका उपयोग बड़े पैमाने पर जंगली जानवरों को कम तनाव के साथ पकड़ने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में जानवरों को हेलिकॉप्टर की सहायता से एक बड़े प्लास्टिक या जाल से बने फनलनुमा बाड़े में धीरे-धीरे हांका जाता है। जब वे बाड़े में प्रवेश करते हैं, तो पीछे से पर्दे गिरा दिए जाते हैं जिससे वे एक रैम्प के माध्यम से ट्रांसपोर्ट वेन में चढ़ जाते हैं। इस प्रक्रिया में हवा की दिशा और जानवरों की प्रवृत्ति का विशेष ध्यान रखा जाता है।

भविष्य की योजना और लाभ

वन विभाग के अनुसार, इस तकनीक की मदद से लगभग 400 काले हिरण और 100 नीलगायों को गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाएगा। शाजापुर में अनुमानतः 20,000 काले हिरण और 3,000 से अधिक नीलगायें हैं, जो किसानों के लिए निरंतर परेशानी का कारण बनते रहे हैं। अगर शाजापुर में यह 10-दिनी प्रारंभिक अभियान सफल रहता है, तो इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • यह भारत में पहली बार है जब काले हिरणों को पकड़ने के लिए हेलिकॉप्टर बोमा तकनीक का उपयोग किया गया है।
  • वर्ष 2016-17 में इसी तकनीक का उपयोग करते हुए मंदसौर में 25 से अधिक नीलगायों को पकड़कर गांधी सागर में छोड़ा गया था।
  • गांधी सागर अभयारण्य में वर्तमान में तीन अफ्रीकी चीते और 35 से अधिक तेंदुए मौजूद हैं।
  • बोमा तकनीक में जानवरों के तनाव को न्यूनतम करते हुए उन्हें समूह में पकड़ा जाता है।
Originally written on October 25, 2025 and last modified on October 25, 2025.

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