हुरुन रिपोर्ट 2025: अरबपतियों की सूची में मुंबई तीसरे, दिल्ली नौवें स्थान पर

हुरुन रिपोर्ट 2025: अरबपतियों की सूची में मुंबई तीसरे, दिल्ली नौवें स्थान पर

हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत की दो प्रमुख महानगर—मुंबई और नई दिल्ली—अब विश्व के शीर्ष अरबपति शहरों की सूची में शामिल हो गए हैं। यह सूची वैश्विक संपत्ति केंद्रों में हो रहे बदलाव को दर्शाती है, जिसमें भारत की तीव्र आर्थिक प्रगति और उद्यमिता की लहर ने इसके शहरों को वैश्विक वित्तीय मानचित्र पर सशक्त रूप से स्थापित किया है।

न्यूयॉर्क शीर्ष पर कायम

विश्व का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र न्यूयॉर्क, 119 अरबपतियों के साथ अब भी दुनिया का नंबर एक अरबपति शहर बना हुआ है। यहां स्थित न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और NASDAQ जैसे वैश्विक बाजार इसकी आर्थिक शक्ति का प्रतीक हैं। इसके बाद लंदन 97 अरबपतियों के साथ दूसरे स्थान पर है, जो यूरोप के लंबे समय से आर्थिक केंद्र के रूप में जाना जाता है।

मुंबई तीसरे स्थान पर: भारत की वित्तीय शक्ति का प्रतीक

मुंबई, जो भारत की वाणिज्यिक राजधानी है, 92 अरबपतियों के साथ वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। इसने बीजिंग और शंघाई जैसे बड़े एशियाई शहरों को पीछे छोड़ दिया है। मुंबई की यह उन्नति भारत में संपत्ति निर्माण की बढ़ती गति को दर्शाती है। शहर का मजबूत वित्तीय सेवाएं तंत्र, शेयर बाजार, तकनीकी क्षेत्र और अचल संपत्ति उद्योग इसे वैश्विक धन के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं।

दिल्ली की बड़ी छलांग: पहली बार शीर्ष दस में

नई दिल्ली ने पहली बार वैश्विक अरबपति शहरों की शीर्ष दस सूची में स्थान बनाया है। 57 अरबपतियों के साथ यह अब नौवें स्थान पर है। भारत की राजधानी न केवल राजनीतिक, बल्कि तेजी से व्यापारिक केंद्र के रूप में भी उभर रही है। दिल्ली में पारिवारिक व्यापार घरानों, नए उद्यमियों और उद्योगपतियों की संख्या में वृद्धि ने इसे इस मुकाम तक पहुंचाया है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, मुंबई 92 अरबपतियों के साथ तीसरे स्थान पर है।
  • नई दिल्ली 57 अरबपतियों के साथ नौवें स्थान पर है।
  • शीर्ष दो स्थानों पर न्यूयॉर्क (119) और लंदन (97) हैं।
  • अन्य प्रमुख शहरों में बीजिंग (91), शंघाई (87), शेनझेन (84), हांगकांग (65), मॉस्को (59), और सैन फ्रांसिस्को (52) शामिल हैं।

भारत की संपत्ति प्रणाली में नई गति

मुंबई और दिल्ली का इस सूची में आना भारत में संपत्ति निर्माण के व्यापक बदलाव का संकेत देता है। यह डिजिटल नवाचार, स्टार्टअप संस्कृति, वैश्विक निवेश और घरेलू उद्यमिता की बढ़ती ताकत का परिणाम है। शहरीकरण, वित्तीय साक्षरता और वैश्विक बाजारों के साथ जुड़ाव ने भारतीय महानगरों को वैश्विक धन मानचित्र पर मजबूती से स्थापित किया है। यह बदलाव न केवल भारत के आर्थिक आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि आने वाले वर्षों में इसके वैश्विक आर्थिक नेतृत्व की संभावनाओं को भी रेखांकित करता है।

Originally written on November 10, 2025 and last modified on November 10, 2025.

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