हिम तेंदुए के 70% से अधिक आवास अज्ञात हैं : WWF 

हिम तेंदुए के 70% से अधिक आवास अज्ञात हैं : WWF 

विश्व वन्यजीव कोष (World Wildlife Fund) ने हाल ही में दावा किया है कि 70% से अधिक हिम तेंदुओं के आवास अज्ञात/अनन्वेषित (unexplored) हैं। इस संगठन ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट “A spatially explicit review of the state of knowledge in the snow leopard range” जारी की।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

हिम तेंदुए (snow leopard) पर अधिकांश शोध नेपाल, भारत और चीन द्वारा किए गए हैं। दुनिया में सिर्फ चार हजार हिम तेंदुआ ही बचे हैं। बढ़ते आवास नुकसान और गिरावट, समुदायों के साथ संघर्ष और अवैध शिकार के कारण उन्हें लगातार खतरों का सामना करना पड़ रहा है।

चूंकि हिम तेंदुए दुर्गम इलाकों में रहते हैं, इसलिए हिम तेंदुए और उनके आवास पर शोध करना बेहद मुश्किल है। यही कारण है कि आज तक उनका पूरा निवास स्थान अस्पष्ट बना हुआ है।

पहला हिम तेंदुआ सर्वेक्षण

अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस (International Snow Leopard Day) (24 अक्टूबर) पर, भारत ने 2019 में Snow Leopard Population Assessment लॉन्च किया था। हालाँकि, यह सर्वे अभी शुरू होना बाकी है। कई राज्य सरकारों जैसे उत्तराखंड आदि ने स्थानीय सर्वेक्षण शुरू किए हैं।

हिम तेंदुआ संरक्षण

  • आईयूसीएन: कमजोर (Vulnerable)
  • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I (Schedule I)
  • उद्धरण: परिशिष्ट I (Appendix I)

हिम तेंदुए का संरक्षण (Conservation of Snow Leopard)

GSLEP: GSLEP का अर्थ Global Snow Leopard and Ecosystem Protection Programme है। इसे भारत, नेपाल, चीन, भूटान, मंगोलिया, पाकिस्तान, उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, अफगानिस्तान और रूस जैसे 12 हिम तेंदुए रेंज देशों द्वारा लॉन्च किया गया था।

SECURE Himalaya : यह एक वैश्विक पर्यावरण सुविधा- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा वित्त पोषित परियोजना है।

भारत में हिम तेंदुए (Snow Leopards in India)

भारत में हिम तेंदुए अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर में पाए जाते हैं। ये क्षेत्र वैश्विक हिम तेंदुआ श्रेणी में 5% का योगदान करते हैं। सरकार 2009 से प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड (Project Snow Leopard) चला रही है।

Originally written on May 19, 2021 and last modified on May 19, 2021.

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