हिमाचल प्रदेश ने एकीकृत नशीली दवा रोकथाम नीति की घोषणा की
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में एकीकृत नशीली रोकथाम, उपचार, प्रबंधन और पुनर्वास कार्यक्रम की घोषणा की, यह कार्यक्रम बहुत जल्द तैयार हो जायेगा।
एकीकृत नशीली दवा रोकथाम नीति (Integrated Drug Prevention Policy)
इस नीति की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- इस नीति को “राज्य नशीली दवा रोकथाम, उपचार, प्रबंधन और पुनर्वास कार्यक्रम” नाम दिया गया है।
- इस नीति का उद्देश्य राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे को रोकने के लिए पुलिस, मीडिया और नशा निवारण बोर्ड के बीच सहयोग बढ़ाना है।
- इसके लिए हिमाचल प्रदेश में 6 नशामुक्ति केंद्र खोले जायेंगे।
- नशीली दवाओं और साइकोट्रोपिक पदार्थों उत्पादन के तरीके के बारे में जानने के लिए आधिकारिक सर्वेक्षण किया जाएगा।
- इसके लिए ड्रग्स जागरूकता अभियान शुरू किए जाएंगे जिसमें शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि, एनएसएस स्वयंसेवक और एनसीसी कैडेट शामिल होंगे।
- इसके अलावा, राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल सेल को मजबूत बनाया जायेगा।
- राज्य सरकार की नई रणनीति मुख्य रूप से अफीम और भांग जैसे पौध स्रोतों से प्राप्त नशीले पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करेगी।राज्य सरकार ने नशीले पदार्थों वाले पौधों की खेती के खिलाफ कई कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान के लिए सशस्त्र सीमा बल की भी तैनाती की थी। राज्य सरकार ने इन बलों को कैनबिस या अफीम विनाश के आधुनिक उपकरण भी प्रदान किए थे।
- हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में नशाखोरी के दुष्प्रभावों पर एक अध्याय शुरू करेगी।
- हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में बड़ी संख्या में ड्रग पेडलर हैं।इसलिए, इस नीति के तहत संयुक्त पहल शुरू की जाएगी। इससे पहले उत्तरी राज्यों ने नशीले पदार्थों की तस्करी के संबंध में जानकारी साझा करने के लिए सहमती प्रकट की थी।
Originally written on
December 25, 2020
and last modified on
December 25, 2020.