हावड़ा-कालका मेल का नाम “नेताजी एक्सप्रेस” रखा गया

हावड़ा-कालका मेल का नाम “नेताजी एक्सप्रेस” रखा गया

भारतीय रेलवे की सबसे पुरानी ट्रेनों में से एक, हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर ‘नेताजी एक्सप्रेस’ कर दिया गया है। 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती से कुछ दिन पहले भारतीय रेलवे ने ट्रेन का नाम बदल दिया है।

मुख्य बिंदु

भारत 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाएगा। हावड़ा-कालका मेल 19वीं शताब्दी में भारत में शुरुआती वाणिज्यिक यात्री ट्रेन सेवाओं में से एक के रूप में शुरू की गयी थी।

ऐसा माना जाता है कि वर्ष 1941 में कोलकाता में अपने घर से भागने के बाद नेताजी ने बिहार के गोमो से इस ट्रेन के द्वारा यात्रा की थी। पीएम मोदी नेताजी की जयंती के लिए कोलकाता जाएंगे।

पराक्रम दिवस

हाल ही में, संस्कृति मंत्रालय ने 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में घोषित किया है। अब से, हर साल इस दिन को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के रूप में चिह्नित करने और समाज में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

85 सदस्यीय पैनल

इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के समारोहों और गतिविधियों / कार्यक्रमों के लिए 85 सदस्यों वाला एक पैनल भी गठित किया है। यह पैनल भारत के साथ-साथ विदेशों में भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के समारोह का आयोजन करेगा।

Originally written on January 21, 2021 and last modified on January 21, 2021.

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