हाल ही में CSIR के वैज्ञानिकों ने किस द्वीप के निवासियों का जेनेटिक अध्ययन किया?

उत्तर – लक्षद्वीप

हाल ही में वैज्ञानिकों ने पहली बार लक्षद्वीप के निवासियों का जेनेटिक अध्ययन किया। यह अध्ययन CSIR (वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसन्धान परिषद्) के सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के वैज्ञानिकों के दल ने किया।

मुख्य बिंदु

वैज्ञानिकों ने कदमत, अन्दोर्थ, चेतलत, अगत्ती, कल्पेनी, बितरा, किल्तन तथा मिनिकॉय द्वीप का अध्ययन किया। वैज्ञानिकों ने आठ द्वीपों के 557 लोगों के डीएनए सैंपल का अध्ययन माईटोकोंड्रियल डीएनए तथा 166 लोगों के डीएनए का अध्ययन Y क्रोमोजोम मार्कर के लिए किया।

पहले माना जाता था कि लक्षद्वीप के लोगों में संभवतः प्राचीन लोगो जैसे अंदमानी व ऑस्ट्रेलियाई जनजातीय लोगों के समान जेनेटिक गुण हों। परन्तु इस नवीन अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि लक्षद्वीप के लोगों में दक्षिण एशिया के समान जेनेटिक गुण हैं, इसमें थोड़ा-बहुत प्रभाव पूर्व तथा पश्चिम यूरेशिया का  भी है।

इस अध्ययन के अनुसार लक्षद्वीप के लोगों का घनिष्ठ जेनेटिक लिंक मालदीव, श्रीलंका तथा भारत के लोगों से है।

लक्षद्वीप के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

  • पहले (1956-73) इसे लक्ष्यद्वीप, मिनीकॉय तथा अमिन्दिवी द्वीप समूह कहा जाता था। यह भारत का केंद्र शासित प्रदेश है।
  • यह बहुत सारे द्वीपों का समूह है, इसमें 36 द्वीप शामिल हैं।
  • इस राजधानी कवरत्ती में स्थित है।
  • मलयालम तथा संस्कृत भाषा में “लक्षद्वीप” का अर्थ “एक लाख द्वीप” होता है।
  • नाइन डिग्री चैनल : मिनिकॉय को शेष लक्षद्वीप से अलग करता है।
  • आठ डिग्री चैनल : यह लक्षद्वीप को मालदीव से अलग करता है।
Originally written on May 10, 2019 and last modified on May 10, 2019.

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