हाल ही में करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लिए द्वितीय बैठक का आयोजन किस स्थान पर किया गया?

उत्तर – वाघा

पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब के गुरुद्वारा के लिए भारतीय तीर्थयात्रियों को एक वर्ष के लिए निशुल्क वीजा देने पर सहमती प्रकट की है। यह निर्णय हाल ही में वाघा में द्वितीय द्विपक्षीय बैठक में लिया गया। इस बैठक में भारत की ओर से केन्द्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, पंजाब सरकार तथा राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

अब प्रति दिन 5000 श्रद्धालु करतारपु साहिब गुरुद्वारा की यात्रा कर सकते हैं। भारत ने विशेष अवसर पर 10,000 श्रद्धालुओं प्रतिदिन को गुरुद्वारा जाने की अनुमति देने की मांग रखी है।

गुरुद्वारा दरबार साहिब

यह 16वीं शताब्दी का गुरुद्वारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवल जिले में स्थित है। यह पाकिस्तान के पंजाब में भारत-पाक सीमा से 3-4 किलोमीटर दूर स्थित है। इसकी स्थापना सिख धर्म के पहले गुरु द्वारा 1522 में की गयी थी। यह गुरुद्वारा सिख समुदाय के लिए काफी महत्वपूर्ण है, गुरु नानक देव ने इस स्थान पर सिख समुदाय को एकत्रित किया, वे इस स्थान पर 18 वर्षों तक रहे।

करतारपुर कॉरिडोर

इस कॉरिडोर से भारत से गुरुद्वारा दरबार साहिब कर्तापुर की यात्रा करने वाले यात्रियों को सुगमता होगी। इसका प्रस्ताव सर्वप्रथम श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 1999 में रखा गया था। यदि इसे दोनों ओर से जोड़ा जाये तो धार्मिक पर्यटन में काफी वृद्धि होगी।

इस कॉरिडोर का निर्माण केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किये गये फंड्स से किया जायेगा। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान को भी सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को मध्य नज़र रखते हुए, अपने क्षेत्र में कॉरिडोर का निर्माण करने के लिए भी कहा जायेगा।

Originally written on July 18, 2019 and last modified on July 18, 2019.

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