हापुड़: हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य में खैर के पेड़ों की अवैध कटाई पर कार्रवाई

हापुड़: हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य में खैर के पेड़ों की अवैध कटाई पर कार्रवाई

हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में खैर के पेड़ों की अवैध कटाई में लिप्त एक गिरोह के चार सदस्यों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस गिरोह पर वन्य क्षेत्र में व्यवस्थित रूप से अवैध रूप से लकड़ी काटने का आरोप है।

जंगल में छापेमारी और गिरफ़्तारियाँ

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अमरोहा जिले के निवासी लोकेश, आदित्य और सिट्टू तथा मेरठ निवासी अली हसन के रूप में हुई है। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई हस्तिनापुर रेंज के अर्जुन और द्रौपदी वन खंडों में खैर के पेड़ों की अवैध कटाई की सूचना मिलने के बाद की गई।
छापेमारी के दौरान टीम ने बड़ी मात्रा में खैर की लकड़ी, आरी, कुल्हाड़ी, फावड़े और रस्सियाँ बरामद कीं। ये चारों एक ऐसे संगठित गिरोह के सदस्य बताए जा रहे हैं, जो मेरठ समेत आसपास के जिलों के जंगलों में खैर के पेड़ों की अवैध कटाई में शामिल रहा है।

वन विभाग की सख्त चेतावनी

वन प्रभागीय अधिकारी (DFO) वंदना ने कहा कि “वनों की अवैध कटाई और वन्यजीवों का शिकार गंभीर अपराध हैं और इसमें लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि वन विभाग की सतर्कता के चलते समय रहते कार्रवाई संभव हो सकी।
वन रेंज अधिकारी खुशबू उपाध्याय ने जानकारी दी कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें मेरठ जिला कारागार भेज दिया गया है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • खैर का पेड़ (Acacia catechu) अपने औषधीय गुणों और ‘कठैथ’ (catechu) के लिए प्रसिद्ध है, जिसका उपयोग पान, आयुर्वेद और रंगाई उद्योग में होता है।
  • हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य उत्तर प्रदेश का प्रमुख अभयारण्य है, जिसकी स्थापना 1986 में हुई थी।
  • भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत किसी भी संरक्षित क्षेत्र में पेड़ काटना एक दंडनीय अपराध है।
  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 वन्यजीवों की रक्षा और जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए भारत का प्रमुख कानून है।

फरार आरोपियों की तलाश जारी

वन रेंज अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह के कुछ अन्य सदस्य अभी फरार हैं, जिनकी तलाश के लिए विशेष टीम गठित की गई है और विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। वन विभाग अब इस गिरोह के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में कदम उठा रहा है।

Originally written on October 31, 2025 and last modified on October 31, 2025.

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