हवाई का किलाऊआ ज्वालामुखी फिर फूटा
दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक, किलाऊआ (Kilauea) ने अपने वर्तमान विस्फोटकारी चरण के तहत एक और तीव्र विस्फोट दर्ज किया है। यह गतिविधि हवाई वोल्केनो नेशनल पार्क के भीतर हो रही है और इसे समिट वेबकैम के ज़रिए लाइव स्ट्रीम में रिकॉर्ड किया गया, जिसमें लावा फव्वारों की तीव्रता को स्पष्ट रूप से देखा गया।
एपिसोड 38: तेज़ी से बढ़ी ज्वालामुखीय गतिविधि
6 दिसंबर को सुबह 8:45 बजे (हवाई समय) किलाऊआ में एपिसोड 38 की शुरुआत हुई। केवल कुछ ही मिनटों में लावा फव्वारों की ऊंचाई और तीव्रता में तेज़ उछाल देखा गया। लगभग 9:55 से 9:57 के बीच आए एक तेज़ विस्फोट के दौरान टेफ्रा (ज्वालामुखीय राख और पत्थर) की वजह से एक विशेष कैमरा क्षतिग्रस्त हो गया। यह कैमरा प्रतिबंधित क्षेत्र में लगाया गया था और अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार विस्फोट की ताकत काफी अधिक थी।
उत्तर वेंट से निकलते निरंतर लावा फव्वारे
अधिकारियों के अनुसार किलाऊआ के उत्तर वेंट से निरंतर लावा फव्वारे निकल रहे हैं, जिनकी ऊंचाई 50 से 100 फीट तक पहुंच रही है। जैसे-जैसे यह विस्फोट आगे बढ़ा, फव्वारों की तीव्रता भी बढ़ती गई। इस तरह के छोटे लेकिन तीव्र विस्फोट दिसंबर 2024 से चल रहे वर्तमान चरण की विशिष्ट प्रवृत्ति के अनुरूप हैं।
हलमाउमाउ क्रेटर तक सीमित प्रभाव
सुरक्षा अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह ज्वालामुखीय गतिविधि अभी तक हलमाउमाउ क्रेटर (Halemaʻumaʻu crater) तक ही सीमित है। इसके चलते स्थानीय हवाई अड्डों पर किसी प्रकार की उड्डयन बाधा की आशंका नहीं है। ज्वालामुखीय गैस और राख का फैलाव भी सीमित बताया गया है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- किलाऊआ का वर्तमान विस्फोट चरण 23 दिसंबर 2024 से शुरू हुआ है।
- एपिसोड 38 में लावा फव्वारे 50 से 100 फीट ऊंचाई तक पहुंचे।
- विस्फोट की गतिविधि केवल हलमाउमाउ क्रेटर तक सीमित है।
- “पेले’स हेयर” (Pele’s Hair) नामक ज्वालामुखीय कांच के रेशे 10 मील तक फैल सकते हैं।
गैस स्तर और ज्वालामुखीय खतरे की निगरानी
वैज्ञानिक वर्तमान में किलाऊआ से निकल रही गैस की मात्रा और पेले’स हेयर की संभावित दूरी की निगरानी कर रहे हैं। ये पतले लेकिन नुकीले ज्वालामुखीय कांच के तंतु लावा फव्वारों के दौरान बनते हैं और वेंट से 1–2 मील की दूरी तक गिर सकते हैं।
1983 से लगातार सक्रिय किलाऊआ ज्वालामुखी अपनी बार-बार की विस्फोट श्रृंखला और दर्शनीय लावा प्रवाह के कारण विश्व भर में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।