हरी समुद्री कछुए की स्थिति में सुधार: IUCN ने ‘एंडेंजर्ड’ से ‘लीस्ट कंसर्न’ में किया वर्ग परिवर्तन

हरी समुद्री कछुए की स्थिति में सुधार: IUCN ने ‘एंडेंजर्ड’ से ‘लीस्ट कंसर्न’ में किया वर्ग परिवर्तन

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने हरी समुद्री कछुए (Chelonia mydas) की संरक्षण स्थिति को ‘अति संकटग्रस्त’ (Endangered) से ‘कम चिंता’ (Least Concern) की श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया है। यह बदलाव दशकों से चल रहे वैश्विक संरक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाता है। IUCN ने अबू धाबी में आयोजित अपने चल रहे सम्मेलन के दौरान यह घोषणा की।

समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका

हरी समुद्री कछुए उष्णकटिबंधीय समुद्री पारिस्थितिकी तंत्रों में एक कीस्टोन प्रजाति के रूप में कार्य करते हैं। ये कछुए प्रवाल भित्तियों और सीग्रास (समुद्री घास) के मैदानों की जैव विविधता को संतुलित बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनके सांस्कृतिक, पाक, मनोरंजक और आध्यात्मिक पहलुओं के कारण यह विश्व भर में लोगों के जीवन से जुड़े हुए हैं।

संरक्षण प्रयासों की सफलता की कहानी

IUCN के अनुसार, 1970 के दशक से हरी कछुओं की वैश्विक संख्या में लगभग 28% की वृद्धि हुई है। यह संभव हुआ है कुछ विशेष प्रयासों के माध्यम से:

  • समुद्र तटों पर अंडे देने वाली मादाओं और उनके अंडों की सुरक्षा।
  • समुद्री कछुओं और अंडों की अनियंत्रित मानव उपभोग हेतु शिकार पर नियंत्रण।
  • ‘टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस’ जैसे उपकरणों का उपयोग कर मछली पकड़ने के जालों में कछुओं की आकस्मिक मृत्यु को कम करना।
  • ब्राज़ील, मेक्सिको, हवाई और एसेंशन द्वीप जैसे क्षेत्रों में समुदाय-आधारित संरक्षण प्रयासों की सफलता।

इन प्रयासों ने कुछ उपजनसंख्या को व्यावसायिक शिकार-पूर्व स्तर के करीब ला दिया है।

अभी भी बनी हुई हैं चुनौतियाँ

हालांकि वैश्विक स्तर पर स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में खतरे अभी भी गंभीर हैं:

  • यूरोपीय उपनिवेशवाद के पूर्व काल की तुलना में वैश्विक कछुआ जनसंख्या अभी भी अत्यधिक क्षीण है।
  • कई क्षेत्रों में कछुओं और उनके अंडों का वाणिज्यिक और अनावश्यक शिकार अभी भी जारी है।
  • मछली पकड़ने के दौरान बायकैच (Bycatch) और तटीय विकास के कारण उनके आवासों का विनाश हो रहा है।
  • जलवायु परिवर्तन, विशेष रूप से रेन आइलैंड (ऑस्ट्रेलिया) जैसे क्षेत्रों में अंडों से बच्चे निकलने की दर को प्रभावित कर रहा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • हरी समुद्री कछुए विश्व के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय समुद्रों में पाए जाते हैं।
  • IUCN की रेड लिस्ट जैव विविधता संरक्षण की दृष्टि से वैश्विक मानक मानी जाती है।
  • ‘टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस’ एक विशेष उपकरण है जो मछली पकड़ने के जाल से कछुओं को सुरक्षित बाहर निकलने की सुविधा देता है।
  • रेन आइलैंड (ऑस्ट्रेलिया) विश्व का सबसे बड़ा कछुआ प्रजनन केंद्र है।
Originally written on October 13, 2025 and last modified on October 13, 2025.

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