हरियाणा को स्वच्छ वायु परियोजना के लिए विश्व बैंक से 305 मिलियन डॉलर की सहायता: 2030 तक वायु गुणवत्ता सुधार का लक्ष्य
हरियाणा सरकार को विश्व बैंक से 305 मिलियन डॉलर (लगभग ₹2,498 करोड़) की ऋण सहायता प्राप्त हुई है, जिसका उद्देश्य है राज्य में 2030 तक वायु गुणवत्ता में ठोस सुधार लाना। यह “Clean Air Project for Sustainable Development” राज्य की सबसे महत्वाकांक्षी पर्यावरणीय पहलों में से एक है और इसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग और राज्य नेतृत्व की भागीदारी का प्रतीक है।
वित्तीय संरचना और सरकारी प्रतिबद्धताएँ
इस परियोजना की कुल लागत ₹3,646 करोड़ आंकी गई है:
- विश्व बैंक योगदान: ₹2,498 करोड़ (ऋण सहायता)
- हरियाणा सरकार: ₹1,065 करोड़
- अन्य अनुदान मदें भी सम्मिलित हैं
यह वित्तीय ढांचा विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण रणनीतियों के बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन को संभव बनाता है।
परियोजना संचालन और कार्यान्वयन तंत्र
परियोजना के कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी ARJUN (स्वतंत्र विशेष प्रयोजन वाहन – SPV) को दी गई है, जिसकी अध्यक्षता राजेश खुल्लर कर रहे हैं।
इस इकाई का कार्य:
- योजना और समन्वय
- रीयल-टाइम निगरानी
- तकनीकी और प्रशासनिक एकीकरण
- विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण घटाने के प्रभाव की ट्रैकिंग
प्रमुख क्षेत्रीय हस्तक्षेप और राज्य-व्यापी कवरेज
परियोजना का फोकस परिवहन, उद्योग, कृषि और शहरी प्रणाली जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर है।
- परिवहन क्षेत्र: ₹1,688 करोड़ का सबसे बड़ा आवंटन, जिसमें शामिल हैं:
- 500 इलेक्ट्रिक बसें (गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, झज्जर)
- 200 ईवी चार्जिंग स्टेशन
- इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर के लिए प्रोत्साहन
- उद्योग क्षेत्र:
- पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) को अपनाने हेतु प्रोत्साहन
- डीजल जेनरेटर सेट्स का चरणबद्ध निष्कासन
- निरंतर उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (CEMS) की स्थापना
- कृषि क्षेत्र: ₹746 करोड़ का निवेश, जिसमें शामिल हैं:
- मृदा प्रबंधन तकनीक
- स्वच्छ कृषि पद्धतियाँ जो दीर्घकालिक प्रदूषण कटौती में सहायक होंगी
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- परियोजना की कुल लागत: ₹3,646 करोड़
- विश्व बैंक की सहायता राशि: 305 मिलियन डॉलर / ₹2,498 करोड़
- ARJUN है परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी (SPV)
- परिवहन क्षेत्र के लिए सबसे अधिक आवंटन: ₹1,688 करोड़
- 500 ई-बसों की तैनाती चार शहरों में की जाएगी
- कृषि क्षेत्र को मिला ₹746 करोड़ का समर्थन
स्थायी परिवर्तन की दिशा में हरियाणा का कदम
यह परियोजना हरियाणा को न केवल वायु प्रदूषण नियंत्रण में अग्रणी बनाएगी, बल्कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, हरित कृषि और उद्योगों के ऊर्जा संक्रमण को भी गति देगी। तकनीक, प्रशासनिक दक्षता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के त्रिकोण पर आधारित यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकता है।
2030 तक स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने के इस मिशन में हरियाणा की यह पहल भारत के सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।