हम्पी के निकट पहली बार दिखा भारतीय स्कॉप्स उल्लू: दारोजी अभयारण्य में पक्षी प्रेमियों की दुर्लभ खोज

हम्पी के निकट पहली बार दिखा भारतीय स्कॉप्स उल्लू: दारोजी अभयारण्य में पक्षी प्रेमियों की दुर्लभ खोज

कर्नाटक के विजयनगर जिले स्थित दारोजी स्लॉथ बियर अभयारण्य में हाल ही में एक दुर्लभ पक्षी की पहली बार उपस्थिति दर्ज की गई है। यह पक्षी है भारतीय स्कॉप्स उल्लू (Indian Scops Owl), जो अपनी गुप्त प्रवृत्ति और रात में सक्रिय रहने के लिए जाना जाता है। यह उल्लेखनीय खोज पक्षी प्रेमियों सव्यसाची रॉय, श्रीधर पेरूमल और पोम्पय्या मालेमठ द्वारा की गई, जिन्होंने इसकी पहचान नज़दीकी दृश्य अवलोकन और विशिष्ट ध्वनि संकेतों के आधार पर की।

भारतीय स्कॉप्स उल्लू की विशेषताएं और नई खोज का महत्व

भारतीय स्कॉप्स उल्लू एक छोटा आकार का उल्लू होता है, जिसकी लंबाई लगभग 20 से 25 सेंटीमीटर होती है। इसकी मुख्य विशेषता इसके कान जैसे दिखने वाले सिर के गुच्छे और चितकबरे रंग का शरीर है, जो इसे दिन में पेड़ों की छाल में इस तरह छिपा देता है कि देख पाना बेहद मुश्किल होता है। इसकी आंखें गहरी और शरीर धूसर रंग का होता है।
दारोजी अभयारण्य में इस उल्लू की उपस्थिति को पहली बार रिकॉर्ड किया गया है। हम्पी निवासी और पक्षी विशेषज्ञ पोम्पय्या मालेमठ ने बताया कि यह खोज पक्षीविज्ञान (ऑर्निथोलॉजी) के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोलती है। उल्लू की पहचान इसकी विशिष्ट रात की आवाज़ से की गई, जो उसकी अदृश्यता को तोड़ने में मददगार साबित हुई।

पारिस्थितिकी तंत्र में नई संभावनाएं

दारोजी स्लॉथ बियर अभयारण्य मुख्य रूप से भालुओं और अन्य स्थानीय वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। यहां भारतीय स्कॉप्स उल्लू की उपस्थिति से यह संकेत मिल सकता है कि यह क्षेत्र पहले की अपेक्षा अधिक जैव विविधतापूर्ण है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह उल्लू यहां केवल प्रवासी रूप में आया है या फिर इस क्षेत्र में इसका प्रजनन केंद्र भी हो सकता है — इस दिशा में आगे और अध्ययन की आवश्यकता है।
यह खोज इस अभयारण्य के संरक्षण महत्व को और बढ़ाती है। वन्यजीव अधिकारियों और पर्यावरणविदों ने इस दुर्लभ दृश्य को सकारात्मक संकेत माना है, जो यह दर्शाता है कि कम खोजे गए क्षेत्रों में भी कई महत्वपूर्ण प्रजातियों की उपस्थिति संभव है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारतीय स्कॉप्स उल्लू (Otus bakkamoena) भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला एक रात्रिचर पक्षी है।
  • इसकी विशिष्टता इसके कान जैसे पंखों और उत्कृष्ट छिपने की क्षमता में होती है।
  • दारोजी स्लॉथ बियर अभयारण्य भारत का एकमात्र स्लॉथ बियर अभयारण्य है, जिसे 1994 में स्थापित किया गया था।
  • हम्पी और विजयनगर क्षेत्र यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध हैं और जैव विविधता के लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं।

यह खोज न केवल क्षेत्रीय जैव विविधता में एक नया अध्याय जोड़ती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि संरक्षण प्रयास और वैज्ञानिक खोज कितनी अहम हैं।

Originally written on October 24, 2025 and last modified on October 24, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *