“स्वर्ण आंध्र @2047” : चंद्रबाबू नायडू का समग्र विकास विज़न

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए सरकार की पहली वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित “सुपरिपालनालो तोली अदुगु” (सुशासन की पहली कदम) कार्यक्रम में राज्य सचिवालय से “स्वर्ण आंध्र @2047” नामक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण का अनावरण किया। इस व्यापक योजना का उद्देश्य राज्य की अर्थव्यवस्था, शासन, अवसंरचना और सामाजिक ताने-बाने का पुनर्निर्माण करना है।
प्रशासनिक और आर्थिक पुनर्रचना की दिशा में पहल
चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार को वित्तीय कुप्रबंधन, निवेशकों के विश्वास की क्षति और अमरावती एवं पोलावरम जैसे प्रमुख परियोजनाओं के ठहराव के लिए दोषी ठहराया। उन्होंने एनडीए की ऐतिहासिक चुनावी जीत को “विनाश के खिलाफ जनादेश और पुनर्निर्माण की पुकार” बताया। उन्होंने 2019 से 2024 तक की विफलताओं को उजागर करने के लिए सात श्वेत पत्रों (White Papers) की घोषणा की।
शासन में पारदर्शिता, वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि (₹4,000), कमजोर वर्गों के लिए ₹6,000 से ₹15,000 तक सहायता, 203 अन्न कैंटीनों का पुनरुद्धार और 16,347 शिक्षकों की भर्ती जैसे फैसले उनके प्रशासनिक सुधारों में शामिल रहे।
अमरावती और पोलावरम को पुनर्जीवित करने की योजना
मुख्यमंत्री ने अमरावती को 2050 तक 35 लाख जनसंख्या और 15 लाख नौकरियों वाला वैश्विक ज्ञान केंद्र बनाने की योजना प्रस्तुत की। विश्व बैंक, एडीबी और KfW जैसी संस्थाओं के समर्थन से यह एक स्व-वित्तपोषित परियोजना होगी। पोलावरम परियोजना को “राज्य की जीवनरेखा” बताते हुए उन्होंने इसे 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा, जिसके लिए केंद्र से ₹5,936 करोड़ पहले ही स्वीकृत हो चुके हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- “स्वर्ण आंध्र @2047” योजना का उद्देश्य 2047 तक आंध्र प्रदेश को विकसित राज्य बनाना है।
- पोलावरम परियोजना को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य और अमरावती को “ग्लोबल नॉलेज हब” के रूप में विकसित करने की योजना है।
- पी4 मॉडल (Public-Private-People Partnership) में अब तक 87,000 से अधिक ‘बंगारू कुटुंबम’ अपनाए जा चुके हैं।
- 11 महीनों में राज्य में ₹9.34 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित किया गया, जिससे 8.5 लाख नौकरियों की संभावना बनी है।
निवेश, नवाचार और निर्यात में नया जोश
नायडू सरकार की प्राथमिकता रोजगार सृजन रही है। अशोक लेलैंड और टाटा इनोवेशन हब जैसे प्रमुख निवेशों के साथ हर विधानसभा क्षेत्र में औद्योगिक पार्क की योजना है। राज्य के निर्यात में 5.16% वृद्धि के साथ राष्ट्रीय हिस्सेदारी 4.52% से बढ़कर 4.75% हो गई है।
राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) 2024–25 में 12.02% की दर से बढ़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे 2025–26 तक ₹18.65 लाख करोड़ तक पहुँचने की आशा है।
डिजिटल युग की ओर अग्रसर
मुख्यमंत्री ने “डिजिटल फर्स्ट” प्रशासन मॉडल की घोषणा की, जिसके तहत स्वतंत्रता दिवस तक 703 सेवाएँ WhatsApp के माध्यम से उपलब्ध होंगी। उन्होंने जनता से सामूहिक भागीदारी का आह्वान किया और कहा कि “स्वस्थ, समृद्ध और प्रसन्न आंध्र प्रदेश” के निर्माण के लिए सभी को एकजुट होना होगा।
यह नीति दस्तावेज न केवल एक राजनीतिक घोषणापत्र है, बल्कि एक ऐसी विकास योजना है जो आंध्र प्रदेश को आत्मनिर्भर, समावेशी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाने की दिशा में प्रयासरत है।