स्वदेश में विकसित LCH हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया
‘प्रचंड’ नाम के पहले स्वदेश में विकसित बहुउद्देश्यीय हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था।
मुख्य बिंदु
- ‘प्रचंड’ को औपचारिक रूप से 143 हेलीकॉप्टर यूनिट में शामिल किया गया था।
- इससे पहले, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने 3,887 करोड़ रुपये की लागत से 15 एलसीएच लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन की खरीद को मंजूरी दी थी।
- 15 हेलीकॉप्टरों में से 10 वायुसेना के लिए और बाकी भारतीय सेना के लिए थे।
- LCH को कारगिल युद्ध के लगभग 20 वर्षों के अनुसंधान और विकास के बाद विकसित किया गया है।
- सरकारी स्वामित्व वाली रक्षा कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा इसे डिजाइन और विकसित किया गया था।
- यह स्वदेशी रूप से विकसित 5.5 टन वर्ग का लड़ाकू हेलीकॉप्टर कई स्टेल्थ फीचर्स, बख्तरबंद सुरक्षा, रात में हमला करने की क्षमता से लैस है।
- इसमें विस्तारित रेंज और उच्च-ऊंचाई प्रदर्शन क्षमता के साथ-साथ चौबीसों घंटे, हर मौसम में मुकाबला करने की क्षमता है।
- यह विरोधी वायु रक्षा को बेअसर करने, उग्रवाद विरोधी अभियान चलाने और खोज व बचाव संचालन करने में सक्षम है।
- यह जंगल और शहरी इलाकों में उच्च ऊंचाई वाले बंकर नष्ट करने और आतंकवाद विरोधी अभियानों के संचालन के लिए उपयोगी है।
- यह हेलीकॉप्टर युद्ध की स्थितियों के दौरान जमीनी बलों को सहायता भी प्रदान कर सकता है।
- वर्तमान में, भारतीय सशस्त्र बलों को कुल 160 LCH की आवश्यकता है, जिनमें से 65 भारतीय वायुसेना के लिए और 95 भारतीय सेना के लिए हैं।
Originally written on
October 4, 2022
and last modified on
October 4, 2022.