स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025: भारत के ग्रामीण स्वच्छता प्रयासों की नई दिशा

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल ने 29 मई 2025 को दिल्ली में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (SSG) 2025 का शुभारंभ किया। यह देशव्यापी ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण, जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G) के दूसरे चरण के तहत प्राप्त ओपन डेफिकेशन फ्री (ODF) प्लस मॉडल की स्थिरता का मूल्यांकन करना है।

सर्वेक्षण का उद्देश्य और दायरा

SSG 2025 का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत में स्वच्छता की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना और राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों एवं जिलों की रैंकिंग प्रदान करना है। यह सर्वेक्षण 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 761 जिलों में स्थित 21,000 गांवों को कवर करेगा।

मूल्यांकन के प्रमुख घटक

सर्वेक्षण चार प्रमुख घटकों पर आधारित है:

    1. सेवा स्तर प्रगति (Service-Level Progress – SLP): जिलों द्वारा प्रस्तुत स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट और ODF प्लस मॉडल गांवों की डेस्कटॉप सत्यापन के आधार पर।
    2. गांवों की स्वच्छता स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन: चयनित गांवों, घरों, स्कूलों, सार्वजनिक स्थानों आदि में फील्ड निरीक्षण के माध्यम से।
    3. स्वच्छता अवसंरचना की कार्यक्षमता का प्रत्यक्ष अवलोकन: प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाइयों (PWMU), गोबरधन संयंत्रों और मलमूत्र प्रबंधन (FSM) प्रणालियों की कार्यशीलता का मूल्यांकन।
    4. नागरिक प्रतिक्रिया: मोबाइल एप्लिकेशन और फील्ड सर्वेक्षण के माध्यम से नागरिकों से प्राप्त फीडबैक।

इन घटकों के आधार पर एक समग्र स्कोर तैयार किया जाएगा, जिससे राज्यों और जिलों की रैंकिंग निर्धारित की जाएगी।

तकनीकी नवाचार और पारदर्शिता

SSG 2025 में डेटा की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए जियो-फेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक समर्पित मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया गया है, जिससे वे अपनी प्रतिक्रिया साझा कर सकें।

स्वच्छता क्रॉनिकल्स वॉल्यूम III का विमोचन

इस अवसर पर “स्वच्छता क्रॉनिकल्स वॉल्यूम III” का भी विमोचन किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं का संकलन है। यह दस्तावेज़ अन्य राज्यों को प्रेरणा प्रदान करेगा और स्वच्छता के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण): 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया यह मिशन, 2 अक्टूबर 2019 तक सभी गांवों को ODF घोषित करने में सफल रहा। इसके तहत 10 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया।
  • SBM-G फेज II: 1 अप्रैल 2020 से शुरू हुआ यह चरण, ODF प्लस स्थिति की स्थिरता और ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन (SLWM) पर केंद्रित है।
  • ODF प्लस श्रेणियाँ: गांवों को उनकी प्रगति के आधार पर ‘आकांक्षी’, ‘उदीयमान’ और ‘मॉडल’ श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
  • गोबरधन योजना: यह योजना गोबर और जैविक कचरे से बायोगैस और जैविक खाद के उत्पादन को प्रोत्साहित करती है, जिससे स्वच्छता और सतत कृषि को बढ़ावा मिलता है।
  • स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग (SGLR): यह रेटिंग प्रणाली गांवों की स्वच्छता सेवाओं की गुणवत्ता को मापने के लिए विकसित की गई है।

स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की स्थिति का व्यापक मूल्यांकन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल न केवल राज्यों और जिलों को उनकी प्रगति का आकलन करने में मदद करेगी, बल्कि नागरिकों की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगी। इस सर्वेक्षण के माध्यम से प्राप्त निष्कर्ष, स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक सिद्ध होंगे और एक स्वच्छ, स्वस्थ और सतत ग्रामीण भारत की ओर अग्रसर करेंगे।

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