स्वच्छ भारत मिशन: स्वच्छता से सतत विकास की ओर बढ़ता भारत

स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G) ने भारत की स्वच्छता यात्रा में एक क्रांतिकारी बदलाव लाकर वैश्विक स्तर पर एक सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह अभियान संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG-6: स्वच्छ जल और स्वच्छता) को साकार करने की दिशा में भारत के समर्पण को दर्शाता है। देश अब “सस्टेनेबल-स्मार्ट-स्वच्छ भारत (3S)” के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जो ग्रामीण और शहरी दोनों समाजों को एक स्वच्छ और टिकाऊ जीवनशैली की दिशा में ले जा रहा है।

स्वच्छता के माध्यम से सामाजिक जिम्मेदारी और जागरूकता

स्वच्छ भारत मिशन ने स्वच्छता को केवल सरकारी योजना न बनाकर हर नागरिक की सामाजिक जिम्मेदारी में बदल दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह अभियान न केवल खुले में शौच को समाप्त करने में सफल रहा, बल्कि जनजागरूकता और सामाजिक भागीदारी को भी बढ़ावा दिया। सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार और स्वच्छ जीवनशैली को बढ़ावा देने की दिशा में भारत ने वैश्विक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

हरित अवसंरचना और अभिनव स्वच्छता उपाय

भारत ने स्वच्छता अवसंरचना में उल्लेखनीय प्रगति की है। सामुदायिक स्वच्छता परिसरों (CSCs) से लेकर अपशिष्ट जल प्रबंधन, फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs), और GOBARdhan योजना तक, इन नवाचारों ने न केवल स्वच्छता बढ़ाई है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया है। जैविक कचरे का कम्पोस्टिंग और बायोगैस संयंत्रों के माध्यम से पुनः उपयोग “कचरे से धन” की अवधारणा को साकार करता है।

ई-वेस्ट प्रबंधन: 2025 की नई पहल

2025 में स्वच्छ भारत मिशन ने ई-वेस्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। अनुपयोगी या बेकार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे कंप्यूटर, प्रिंटर, LED, हार्ड डिस्क आदि से महत्वपूर्ण खनिजों जैसे लिथियम, कोबाल्ट, निकेल और दुर्लभ धातुओं को पुनः प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। यह पहल राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन और हरित पुनर्चक्रण अर्थव्यवस्था को गति देती है।

तकनीक और नवाचार: स्वच्छ भारत की रीढ़

स्वच्छ भारत मिशन ने उन्नत तकनीकों को अपनाकर सफाई प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। इंडस्ट्री 4.0 की तकनीकों जैसे रोबोट, एआई और ड्रोन का उपयोग करके परंपरागत सफाई प्रणाली को आधुनिक स्वरूप दिया गया है। IIT मद्रास में विकसित स्टार्टअप Solinas का रोबोटिक उपकरण ‘Homosep Atom’ सीवर सफाई को सुरक्षित और कुशल बनाता है। वहीं, ड्रोन तकनीक का उपयोग रेलवे कोचों की सफाई और कचरा स्थल की पहचान में किया जा रहा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • स्वच्छ भारत मिशन 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर शुरू किया गया था।
  • SBM-G ने 10 वर्षों में 11 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण कर भारत को ODF घोषित किया।
  • GOBARdhan योजना का उद्देश्य गोबर और जैविक कचरे से ऊर्जा उत्पादन करना है।
  • IIT मद्रास के स्टार्टअप Solinas द्वारा विकसित Homosep Atom रोबोटिक सीवर क्लीनर है।

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