स्वच्छता ही सेवा 2025: एक राष्ट्रीय संकल्प से जन आंदोलन तक का सफर

स्वच्छता ही सेवा 2025: एक राष्ट्रीय संकल्प से जन आंदोलन तक का सफर

2 अक्टूबर 2014 की सुबह जब देश के कोने-कोने में झाड़ू उठे, नालियों से प्लास्टिक बोतलें निकाली गईं और साफ-सफाई की गूंज गांवों और शहरों में गूंजने लगी, तब यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चेतना का उदय था। महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन (SBM) सिर्फ सड़कों या सीवरेज को नहीं, बल्कि आदतों, सोच और गरिमा को पुनर्स्थापित करने का मिशन बन गया। अब उसी भावना को आगे बढ़ाते हुए, स्वच्छता ही सेवा 2025 एक महोत्सव का रूप लेकर नागरिकता के उत्सव में बदल चुका है।

स्वच्छोत्सव की आत्मा: नागरिक भागीदारी का उत्सव

2017 में शुरू हुआ स्वच्छता ही सेवा (SHS) अभियान स्वच्छ भारत मिशन की आत्मा बन चुका है। यह हर वर्ष 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलता है, जिसमें देशभर के करोड़ों लोग स्वेच्छा से भाग लेकर अपने आस-पास की स्वच्छता के लिए सामूहिक प्रयास करते हैं। SHS 2025 की थीम “स्वच्छोत्सव” है, जिसमें उत्सव का उल्लास और ज़िम्मेदारी की गंभीरता साथ-साथ चलती है। “अंत्योदय से सर्वोदय” की भावना के साथ यह अभियान देश के हर कोने में गरिमा, स्वास्थ्य और सततता के लिए काम कर रहा है।

श्रमदान: एक दिन, एक घंटा, एक साथ

25 सितंबर 2025 को देशभर में “एक दिन, एक घंटा, एक साथ” नामक श्रमदान अभियान चलाया गया, जिसमें लाखों नागरिकों ने स्वेच्छा से भाग लिया। सफाई मित्रों को शिविरों में सम्मानित किया गया, और हर गांव, कस्बे व शहर में प्लॉगिंग, CTU सफाई और सुंदरता अभियान हुए। इसमें सरकारी कर्मचारी, सामाजिक संगठन, युवा, स्वयंसेवी संस्थाएं, और सोशल मीडिया प्रभावक सभी ने सहभागिता निभाई।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को हुई थी।
  • भारत में अब तक 12 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए जा चुके हैं।
  • SHS 2024 में 8 लाख से अधिक Cleanliness Target Units (CTUs) को बदला गया।
  • SBM-Urban के अंतर्गत भारत में अब 81% ठोस कचरा प्रोसेस किया जा रहा है (2014 में यह मात्र 16% था)।
Originally written on September 27, 2025 and last modified on September 27, 2025.

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