स्क्वैश वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक जीत: भारत पहली बार फाइनल में
भारत ने स्क्वैश के इतिहास में नया अध्याय रचते हुए मौजूदा चैंपियन मिस्र (Egypt) को 3-0 से हराकर पहली बार स्क्वैश वर्ल्ड कप के फाइनल में प्रवेश किया। चेन्नई में दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम के सामने भारत ने संयमित और आक्रामक प्रदर्शन करते हुए विश्व स्क्वैश के दिग्गजों को चौंका दिया। यह जीत न केवल भारत की खेल शक्ति को दर्शाती है, बल्कि स्क्वैश जैसे खेल में भारत के बढ़ते दबदबे का भी प्रमाण है।
भारतीय चुनौती की शुरुआत वेलावन सेंथिलकुमार ने की, जिन्होंने मिस्र के इब्राहिम एलकब्बानी को सीधे गेमों में हराया। उन्होंने मुकाबला 7-1, 7-3, 7-6 से जीतते हुए भारत को शुरुआती बढ़त दिलाई। उनकी ठोस रणनीति और दबाव में शांत रहने की क्षमता ने मिस्र को शुरुआती लय नहीं पकड़ने दी और भारत ने मुकाबले की गति अपने पक्ष में बनाए रखी।
टाई का सबसे रोमांचक पल अनाहत सिंह के मैच में आया, जहाँ उन्होंने मिस्र की नूर हेकल को 3-2 से हराया। यह मुकाबला पांच गेम तक चला और इसमें अनाहत ने अपना पहला गेम गंवाने के बाद जबरदस्त वापसी की। निर्णायक गेम में बाएं हाथ में चोट लगने के बावजूद, उन्होंने साहस और मानसिक दृढ़ता दिखाते हुए जीत दर्ज की, जिसे देखकर घरेलू दर्शकों ने जोरदार तालियों से उनका उत्साहवर्धन किया।
पुरुष वर्ग में भारत के शीर्ष खिलाड़ी अभय सिंह ने एडम हवाल के खिलाफ संघर्षपूर्ण मुकाबले में 3-1 से जीत दर्ज की। यह मुकाबला करीब एक घंटे तक चला, जिसमें लम्बी रैलियाँ और जोरदार शॉट्स देखने को मिले। दूसरे गेम में हार के बाद अभय ने शानदार वापसी करते हुए चौथे गेम के 6-6 के स्कोर पर एक बेहतरीन बैकहैंड ड्रॉप से मुकाबला खत्म किया और भारत की ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित की।
भारत का फाइनल मुकाबला शीर्ष वरीयता प्राप्त हांगकांग से होगा, जो जापान से 2-2 ड्रॉ के बावजूद गेम डिफरेंस के आधार पर फाइनल में पहुंचा है। भारत ने सेमीफाइनल में जिस प्रकार के आत्मविश्वास और संतुलन का प्रदर्शन किया है, उससे उम्मीद है कि वह पहली बार स्क्वैश वर्ल्ड कप खिताब जीतने की ओर अग्रसर है—वह भी घरेलू मैदान पर, जो इस जीत को और भी गौरवपूर्ण बना देगा।